हरियाणा में निवेशकों को बड़ी राहत : 9 प्रमुख सुधार लागू, 13 पर तेज़ी से काम जारी

चंडीगढ़ : हरियाणा ने निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। राज्य सरकार ने अपने विनियमन-मुक्ति (डीरेग्युलेशन) अभियान के तहत 9 प्रमुख सुधार लागू कर दिए हैं, जबकि 13 अन्य सुधारों को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य वर्ष के अंत तक सभी 23 सुधारों को पूर्ण करना है, जिससे प्रदेश में उद्योग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव के.के.पाठक और हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की संयुक्त अध्यक्षता में बुधवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इन सुधारों पर प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में नगर एवं ग्राम आयोजना, श्रम, उद्योग एवं वाणिज्य तथा हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्तुतियां दी।

नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने मिश्रित उपयोग विकास की अनुमति देते हुए ज़ोनिंग को अधिक लचीला बनाया है। भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या 19 से घटाकर केवल तीन कर दी गई है। अब इसके लिए स्वामित्व प्रमाण, परियोजना रिपोर्ट और क्षतिपूर्ति बांड की ही आवश्यकता होगी। औसत स्वीकृति समय अब घटकर 36 दिन रह गया है। ग्रामीण उद्योगों के लिए न्यूनतम सड़क चौड़ाई को घटाकर 20 फुट करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

हरियाणा भवन संहिता (बिल्डिंग कोड) में संशोधन हेतु सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया जारी है, जिसके अंतर्गत डेटा सेंटरों और आईटी पार्कों के लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) बढ़ाने, सेटबैक कम करने तथा औद्योगिक परिसरों में औद्योगिक आवास बनाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है।

श्रम विभाग ने कई प्रगतिशील सुधार लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य श्रमिकों को सशक्त बनाना और उद्योगों को परिचालन सम्बन्धी अधिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। अब महिलाओं को फैक्टरियों और दुकानों समेत सभी क्षेत्रों में रात्रि पाली (शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक) में कार्य करने की अनुमति दी गई है। फैक्ट्री बंद करने और छंटनी से संबंधित प्रक्रियाओं को भी सरल एवं तर्कसंगत बनाया गया है। इन सुधारों का मकसद उद्योगों के संचालन में सुगमता लाने के साथ-साथ श्रमिक कल्याण भी सुनिश्चित करना है।

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंसेंट टू एस्टेब्लिश (सीटीई) और कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) की स्वीकृति अवधि को 30 दिनों से घटाकर 21 दिन कर दिया है। ग्रीन कैटेगरी उद्योगों के लिए सीटीओ की स्वचालित नवीनीकरण प्रणाली अब 15 वर्ष तक के लिए लागू की गई है।

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