
Delhi Blast : एनआईए ने जांच का नेतृत्व करने के लिए दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस से जानकारी एकत्रित करते हुए एक विशेष 10 सदस्यीय टीम का गठन किया है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि गिरफ्तार आतंकियों के फरीदाबाद माड्यूल के निशाने पर यूपी के बड़े मंदिर और धार्मिक स्थल थे। खास तौर पर अयोध्या और वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर।
शाहीन का स्लीपर माड्यूल अयोध्या में
सूत्रों के मुताबिक, शाहीन ने अयोध्या के स्लीपर सेल को एक्टिव भी कर रखा था। अयोध्या में ये सारे घटनाक्रम को अंजाम तक पहुंचाते उससे पहले यह बड़ा घटनाक्रम हुआ—एटीएस और पुलिस की रेड और गिरफ्तारी ने सारा भंडाफोड़ कर दिया।
दिल्ली ब्लास्ट का तुर्की कनेक्शन
जांच एजेंसियों ने डॉ उमर और डॉ मुजम्मिल के पासपोर्ट की जांच की तो तुर्की कनेक्शन भी सामने आया। टेलीग्राम ग्रुप्स से जुड़ने के बाद इन संदिग्धों ने तुर्की की यात्रा की थी।
26/11 जैसा हमला
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी 26/11 जैसे हमले को अंजाम देना चाहते थे। सारे आतंकी जनवरी 2005 से ही हमले की योजना और तैयारी में जुट गए थे।
आतंकी दिल्ली में लाल किला, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, इंडिया गेट, रेलवे स्टेशन के साथ ही गौरी शंकर मंदिर और शॉपिंग मॉल्स को निशाना बनाना चाहते थे। आतंकियों ने इसके लिए 200 आईईडी विस्फोट बनाने की योजना बनाई थी। फरीदाबाद माड्यूल में शामिल ज्यादातर आतंकी डॉक्टर हैं। इसलिए वे अपनी व्हाइट कॉलर जॉब का फायदा उठाकर तेजी से नेटवर्क बना रहे थे। उन्हें यकीन था कि कोई उन पर शक भी नहीं करेगा और वे अपने मकसद को अंजाम देंगे।
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