अल फलाह विश्वविद्यालय का दावा, पकड़े गए डाक्टरों का ड्यूटी के अलावा नहीं कोई संबंध

फरीदाबाद। दिल्ली में हुए विस्फाेट और फरीदाबाद से विस्फोटक बरामद होने की घटना के बाद हरियाणा के फरीदाबाद जिले के धौज गांव में स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय ने बुधवार को पहली बार अधिकारिक बयान जारी किया है। विवि प्रबंधन ने डाक्टरों की गिरफ्तारी के मामले में अपना पक्ष रखा है।

वाइस चांसलर प्रो. भूपिंदर कौर आनंद ने बयान जारी करते हुए कहा कि हमारे दो डॉक्टर (डॉ. मुजम्मिल और शाहीन सईद) हिरासत में हैं। उनकी ड्यूटी के अलावा यूनिवर्सिटी का इससे कोई संबंध नहीं है। यूनिवर्सिटी के अंदर किसी भी तरह का केमिकल या विस्फोटक नहीं रखा जाता है। हमारी लैब का इस्तेमाल सिर्फ एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाने और ट्रेनिंग देने के लिए होता है। विवि प्रबंधन की तरफ से किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। हर काम कानून के हिसाब से किया जाता है।

यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) भूपिंदर कौर आनंद ने कहा कि अल-फलाह ग्रुप 1997 से कई कॉलेज और स्कूल का संचालन करता है। 2009 में इसे खुद के कोर्स चलाने की अनुमति मिली और 2014 में यह यूनिवर्सिटी बन गई। इसे यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (जीसी) ने भी मान्यता दी है। अल-फलाह अस्पताल 2019 से मेडिकल कॉलेज चला रहा है और यह भारतीय यूनिवर्सिटीज के संगठन का सदस्य भी है।

उन्होंने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाती है। यहां से पास हुए डॉक्टर आज देश के बड़े अस्पतालों में काम कर रहे हैं। हमने 2023 में कुछ विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स (एमडी/एमएस) भी शुरू किए हैं। हाल में जो बुरी घटनाएं हुई हैं, उनसे हमें बहुत दुख हुआ है और हम उनकी कड़ी निंदा करते हैं। हम उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्हें इन घटनाओं से नुकसान हुआ है। हमें पता चला है कि हमारे दो डॉक्टरों को जांच एजेंसियां पकड़ कर ले गई हैं। हम साफ कर देना चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी का इन लोगों से कोई रिश्ता नहीं है, बस इतना है कि ये लोग यहां काम करते थे। यूनिवर्सिटी उन झूठी खबरों से परेशान है जो कुछ वेबसाइटों पर फैलाई जा रही हैं। इन खबरों का मकसद यूनिवर्सिटी की इज्जत खराब करना है। हम इन सभी झूठे आरोपों को गलत बताते हैं।

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