
Gorakhpur : आज जब सड़कें रफ्तार से भाग रही हैं और हादसे हर दिन किसी घर की खुशी छीन ले रहे हैं, ऐसे समय में गंगोत्री देवी महिला महाविद्यालय तथा गंगोत्री देवी नर्सिंग कॉलेज ने एक संवेदनशील पहल करते हुए छात्राओं को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया।
संस्थान में आयोजित इस जनजागरूकता कार्यक्रम में छात्राओं ने न केवल नियमों की जानकारी प्राप्त की, बल्कि यह भी समझा कि “सुरक्षा केवल शासन का नहीं, बल्कि हर नागरिक का व्यक्तिगत कर्तव्य है।”
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पुलिस अधीक्षक (यातायात) राजकुमार पांडे, मुख्य अतिथि महाविद्यालय की संरक्षिका श्रीमती रीना त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि क्षेत्राधिकारी (यातायात) विवेक तिवारी, यातायात निरीक्षक मनोज राय और यातायात मित्र संजय श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र ने तथा संचालन प्राचार्या डॉ. पूनम शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पुलिस अधीक्षक (यातायात) राजकुमार पांडे ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। यदि हम हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, मोबाइल से बचने और गति नियंत्रण जैसी छोटी-छोटी बातों का पालन करें तो सैकड़ों जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि “उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 46 हजार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 24 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवाते हैं। यह संख्या केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि परिवारों की अधूरी कहानियां हैं।” उन्होंने छात्राओं से अपील की कि वे अपने घरों और समाज में “सेफ ड्राइव, सेव लाइफ” का संदेश पहुँचाने की जिम्मेदारी स्वयं उठाएं।
मुख्य अतिथि श्रीमती रीना त्रिपाठी ने छात्राओं से कहा युवा पीढ़ी ही समाज में परिवर्तन की धुरी है। जब छात्राएं सड़क पर नियमों का पालन करेंगी और दूसरों को प्रेरित करेंगी, तभी यह जागरूकता घर-घर पहुँचेगी।
उन्होंने कहा कि गंगोत्री देवी संस्थान केवल शिक्षा नहीं देता, बल्कि जीवन जीने की संस्कृति सिखाता है। जिसमें अनुशासन, संवेदनशीलता और समाज के प्रति उत्तरदायित्व सबसे ऊपर है।
विशिष्ट अतिथि क्षेत्राधिकारी (यातायात) विवेक तिवारी ने कहा हम जितनी तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं, उतना ही जरूरी है कि हम रुककर सोचें। क्या हमारी यह रफ्तार सुरक्षित है? सड़कें तभी सुंदर हैं जब उन पर जिम्मेदारी के साथ चलने वाले लोग हों।
उन्होंने बताया कि आधुनिक समय में पुलिस विभाग नई तकनीकों के माध्यम से सड़क सुरक्षा को मजबूत कर रहा है, लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब लोग स्वयं यातायात नियमों को अपना जीवन मंत्र बनाएंगे। यातायात निरीक्षक मनोज राय ने छात्राओं को सड़क संकेतों, लाल-पीली-हरी बत्तियों के अर्थ, ज़ेब्रा क्रॉसिंग के प्रयोग और ओवरलोडिंग जैसे अपराधों के कानूनी पहलुओं की जानकारी दी। वहीं यातायात मित्र संजय श्रीवास्तव ने कहा सड़क पर हर व्यक्ति की सुरक्षा दूसरे व्यक्ति के अनुशासन पर निर्भर करती है। अगर आप सुरक्षित चलेंगे तो आप दूसरों के लिए भी सुरक्षा की दीवार बनेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र ने कहा शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि जागरूक नागरिक बनाना है। जब विद्यार्थी समाज में सुरक्षा, सजगता और सेवा की भावना के वाहक बनते हैं, तभी किसी शैक्षणिक संस्थान की सफलता पूर्ण होती है।
उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे “यातायात सुरक्षा दूत” बनकर इस अभियान को अपने जीवन और समाज में आत्मसात करें।
कार्यक्रम का संचालन प्राचार्या डॉ. पूनम शुक्ला ने किया। उन्होंने कहा कि संस्थान की यह पहल महज़ औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि सड़क पर सावधानी, जीवन की सबसे बड़ी समझदारी है। कार्यक्रम में नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य श्रीप्रकाश सिंह चौधरी सहित दोनों संस्थानों के शिक्षक, शिक्षिकाएं और छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहीं।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया हम स्वयं यातायात नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। यातायात नियम कोई दंड का प्रावधान नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का संस्कार हैं।
अंत में महाविद्यालय की प्राचार्य ने आभार व्यक्त करते हुए कहा शिक्षा का वास्तविक अर्थ समाज में सुरक्षा, संवेदनशीलता और सामूहिक जिम्मेदारी का संचार करना है।










