Jhansi : ट्रेन में नहाने व जुआ खेलने की रील बनाने वाले छात्र की मुश्किलें बढ़ीं, आरपीएफ ने किया गिरफ्तार

  • रेलवे एक्ट में मुकदमा दर्ज

Jhansi : सोशल मीडिया पर वायरल होने की सनक में एक छात्र की ज़िंदगी अब पछतावे में बदल गई है। इंस्टाग्राम पर कुछ सेकंड की रील बनाकर ‘फेमस’ होने की चाह में झांसी के एक युवक ने ऐसा काम कर दिया जिससे अब उसे न सिर्फ सोशल मीडिया पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है, बल्कि कानून का शिकंजा भी कस गया है।

वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के स्लीपर कोच में खुलेआम नहाने की रील बनाने वाले युवक को रेलवे सुरक्षा बल ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान मोंठ कस्बे के रहने वाले प्रमोद श्रीवास, पुत्र स्वर्गीय रामनरेश श्रीवास, निवासी मकान नंबर 104, मातनपुरा, थाना मोंठ, जिला झांसी के रूप में हुई है।

कैसे बना वायरल वीडियो

घटना कुछ दिन पहले की है जब प्रमोद श्रीवास दीपावली से दो दिन पहले खाटू श्याम बाबा धाम जाने के लिए निकला था। इसी दौरान उसने वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के स्लीपर कोच को ही बाथरूम बना डाला।

युवक ने बाल्टी और मग लेकर कोच के अंदर बैठकर शैंपू से बाल धोने और नहाने का वीडियो बनाया। ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रही एक महिला यात्री यह नज़ारा देखकर हैरान रह गई और गेट पर खड़ी होकर युवक की हरकत देखती रह गई।

यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर अपलोड हुआ, तेज़ी से वायरल हो गया। लाखों व्यूज़ पाने के साथ ही लोगों ने इस हरकत की निंदा भी शुरू कर दी।

रेलवे प्रशासन हरकत में आया

वीडियो वायरल होते ही रेलवे प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने वीडियो की लोकेशन और चेहरे की पहचान के आधार पर जांच शुरू की।
जांच के दौरान युवक का मोबाइल नंबर और पता ट्रेस किया गया, जिसके बाद RPF टीम ने मोंठ कस्बे से प्रमोद श्रीवास को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में युवक ने स्वीकार किया कि वह कक्षा 12 का छात्र है और उसने केवल “रील बनाने के शौक” में ऐसा किया था। उसका कहना था कि उसका किसी को परेशान करने का इरादा नहीं था, लेकिन अब उसे अपनी गलती का एहसास है।

रेलवे एक्ट की धारा 145 के तहत मुकदमा दर्ज

आरपीएफ ने आरोपी के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 145 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
इस धारा के तहत रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, रेल परिचालन में बाधा डालने, या यात्रियों को असुविधा पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

जुर्माना और सजा का प्रावधान

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बिना अनुमति ट्रेन, प्लेटफॉर्म या रेलवे परिसरों में शूटिंग करना एक दंडनीय अपराध है। इसके तहत — 1,000 से 5,000 रुपये तक का जुर्माना, और 3 महीने से 6 महीने तक की कैद हो सकती है। रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि इस तरह की हरकतें न केवल सुरक्षित रेल संचालन में बाधा डालती हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए भी खतरा पैदा करती हैं।

रेलवे अधिकारियों की चेतावनी

रेलवे अधिकारियों ने आम जनता और युवाओं को चेतावनी दी है कि स्टेशन या ट्रेन में इस तरह की हरकतें न करें। रेलवे संपत्ति सरकारी संपत्ति होती है, और इसका गलत उपयोग या बिना अनुमति शूटिंग करना अपराध है। उन्होंने कहा कि “सोशल मीडिया पर कुछ सेकंड की प्रसिद्धि के लिए अपने भविष्य को दांव पर लगाना समझदारी नहीं है।”

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