World Pneumonia Day 2025: वायु प्रदूषण से बढ़ रहा निमोनिया का खतरा

World Pneumonia Day 2025: हर साल 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को निमोनिया के बारे में जागरूक करना और इसके खतरों को समझाना है।

आजकल हमारे देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। उदाहरण के लिए, दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगभग 350 तक पहुँच गया है। ऐसे में फेफड़ों से जुड़ी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

साल 2021 के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में फेफड़ों की बीमारियों (सीओपीडी, निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर) के कारण 79 लाख लोगों की मौत हुई थी। इनमें से लगभग 35% यानी 28 लाख मौतें वायु प्रदूषण की वजह से हुईं। खासकर निमोनिया से होने वाली 30% मौतें सीधे प्रदूषण के कारण हुई थीं।

निमोनिया कैसे होता है?

निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का संक्रमण है। वायु में मौजूद सूक्ष्म कण (PM2.5) इसके जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं। ये कण फेफड़ों में गहराई तक जाकर फेफड़ों की आंतरिक परत और एल्विओली (हवा की थैलियाँ) को नुकसान पहुंचाते हैं। इस वजह से फेफड़ों की प्राकृतिक सुरक्षा कमजोर हो जाती है, जिससे बैक्टीरिया, वायरस और फंगस आसानी से हमला कर सकते हैं।

बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से खतरनाक होती है क्योंकि उनके फेफड़े पहले से ही प्रदूषण के प्रभाव से कमजोर होते हैं।

PM2.5 कण संक्रमण का रास्ता खोलते हैं

वायु प्रदूषण में मौजूद PM2.5 कण इतने छोटे होते हैं कि वे फेफड़ों की गहराई तक पहुँच जाते हैं। ये कण फेफड़ों की कोशिकाओं और प्राकृतिक सफाई तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके कारण बैक्टीरिया और वायरस तेजी से बढ़ सकते हैं, और सामान्य सर्दी-जुकाम भी गंभीर निमोनिया में बदल सकता है।

घर के अंदर की हवा को साफ रखें

  • घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  • धूपबत्ती, अगरबत्ती या मच्छर भगाने वाली कॉइल जलाने से बचें, क्योंकि ये भी PM2.5 कण उत्पन्न करती हैं।
  • रसोई और अन्य जगहों में वेंटिलेशन का ध्यान रखें।

मास्क का उपयोग

  • जब AQI ‘खराब’ या ‘बहुत खराब’ हो, तो घर से बाहर निकलने से बचें।
  • अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो N95 या N99 मास्क पहनें।
  • अस्थमा या COPD के मरीज प्रदूषण वाले दिनों में सुबह या शाम की सैर से बचें।

बचाव के अन्य उपाय

  • बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को फ्लू और न्यूमोनिया का टीका लगवाएं।
  • विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार (जैसे आंवला, अदरक) अपनाएँ।
  • हाथों को नियमित रूप से धोएं।
  • सांस लेने में कठिनाई होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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