
भारत के गाँवों में जब डिजिटल बदलाव की लहर पहुँचती है, तो केवल तकनीक नहीं, जीवन बदलते हैं। इसी सोच के साथ बैंकयू इंडिया लिमिटेड ने अपनी नई पहल “बैंकयू सेवा केंद्र” की शुरुआत की है — एक ऐसा नेटवर्क जो देश के 10,000 से अधिक ग्रामीण उद्यमियों को डिजिटल फाइनेंस की ताकत से सशक्त बना रहा है।
अब गाँव में भी मिलेगा बैंक जैसा अनुभव
जहाँ पहले लोगों को बैंक की शाखा तक पहुँचने के लिए किलोमीटरों का सफर तय करना पड़ता था, अब वही सेवाएँ उनके गाँव के पास मौजूद बैंकयू सेवा केंद्र में मिलेंगी।
यह केंद्र न सिर्फ बैंकिंग सुविधाएँ, बल्कि 200 से ज़्यादा डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध कराता है — जैसे आधार आधारित AEPS लेनदेन, माइक्रो एटीएम, मनी ट्रांसफर, बिल पेमेंट, पैन, बीमा, लोन आवेदन, मोबाइल रिचार्ज, यात्रा और सरकारी उपयोगिताएँ आदि।

हर सेवा केंद्र अत्याधुनिक बायोमेट्रिक डिवाइस, सिक्योर सर्वर और बैंकयू के टेक-प्लेटफॉर्म से जुड़ा होता है — ताकि लेनदेन रियल टाइम में और पूरी पारदर्शिता के साथ हो।
10,000 से ज़्यादा ग्रामीण उद्यमी बने ‘बैंकयू पार्टनर’
केवल कुछ ही हफ्तों में, देशभर से 10,000 से अधिक खुदरा व्यापारी और ग्रामीण युवा बैंकयू पार्टनर के रूप में जुड़ चुके हैं।
ये सेवा केंद्र अब सिर्फ दुकानें नहीं, बल्कि “डिजिटल गाँव के मिनी बैंक” बन गए हैं — जो गाँव के हर नागरिक को बैंकिंग का समान अवसर दे रहे हैं।
हर केंद्र उस क्षेत्र के लोगों के लिए वित्तीय सशक्तिकरण का पुल बनता जा रहा है, जहाँ अब नकदी निकालने, बीमा खरीदने या बिल भरने के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं।
CTO का विज़न: “तकनीक ही है नए भारत की रीढ़”

श्री चंदन ठाकुर, बैंकयू इंडिया लिमिटेड के मुख्य तकनीकी अधिकारी कहते हैं,
“हम मानते हैं कि वित्तीय सेवाएँ हर नागरिक का अधिकार हैं, न कि सुविधा प्राप्त लोगों का विशेषाधिकार। बैंकयू सेवा केंद्र इस विचार का साकार रूप है। 10,000 केंद्रों की तेज़ सफलता यह दिखाती है कि भारत के गाँव अब तकनीक अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
वे आगे बताते हैं कि कंपनी का सिस्टम डेटा सुरक्षा, स्केलेबिलिटी और रियल टाइम ट्रांजेक्शन ट्रांसपेरेंसी पर आधारित है — ताकि हर बैंकयू पार्टनर आत्मविश्वास के साथ काम कर सके।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
बैंकयू सेवा केंद्र का उद्देश्य केवल बैंकिंग सेवाएँ देना नहीं, बल्कि स्वरोजगार और डिजिटल उद्यमिता को बढ़ावा देना भी है।
कम निवेश में ग्रामीण युवक और महिला उद्यमी अपना डिजिटल वित्त व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
यह पहल भारत सरकार की डिजिटल इंडिया, जन धन योजना और आत्मनिर्भर भारत जैसी नीतियों के अनुरूप है — ताकि हर नागरिक आधुनिक वित्तीय सेवाओं से जुड़ सके और नकद पर निर्भरता घटे।
भविष्य की दिशा – 50,000 सेवा केंद्रों का लक्ष्य
बैंकयू इंडिया की योजना है कि वर्ष 2026 तक 50,000 से अधिक बैंकयू सेवा केंद्र देशभर में स्थापित किए जाएँ।
हर केंद्र को प्रशिक्षण, प्रचार सामग्री और तकनीकी सहायता दी जा रही है — ताकि हर पार्टनर न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने, बल्कि अपने क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा करे।
सिर्फ बैंकिंग नहीं, एक राष्ट्रीय आंदोलन
“बैंकयू सेवा केंद्र” केवल वित्तीय सुविधा का नाम नहीं, बल्कि एक *डिजिटल आंदोलन है।
यह आंदोलन उन लाखों ग्रामीण भारतीयों को जोड़ रहा है जो अब उपभोक्ता नहीं, बल्कि सेवा प्रदाता और परिवर्तन के वाहक बन रहे हैं।
हर लेनदेन के साथ, भारत “आत्मनिर्भरता की नई उड़ान” की ओर बढ़ रहा है — और बैंकयू इंडिया इस उड़ान का अग्रदूत बन चुका है।
बैंकयू इंडिया लिमिटेड के बारे में
बैंकयू इंडिया लिमिटेड एक आधुनिक फिनटेक कंपनी है जो बिज़नेस-टू-एजेंट (B2A) मॉडल पर कार्य करती है।
यह कंपनी API आधारित टेक्नोलॉजी, भारतीय क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, और सुरक्षित फिनटेक आर्किटेक्चर के माध्यम से वित्तीय और गैर-वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती है।
बैंकयू इंडिया का लक्ष्य है — नवाचार, समावेशन और उद्यमिता के माध्यम से हर भारतीय को डिजिटल वित्तीय आज़ादी देना।















