
नई दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने सोमवार को “लैंड फॉर जॉब” मामले में आरोप तय करने के आदेश को टाल दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी। इस केस में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव सहित कई अन्य आरोपी शामिल हैं। सीबीआई पहले ही इन सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ केस?
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का आरोप है कि उस दौरान रेलवे में ग्रुप-डी पदों पर भर्ती के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई थी। ये जमीनें बहुत कम दाम पर कथित रूप से लालू परिवार या उनके करीबी लोगों के नाम पर ट्रांसफर करवाई गईं।
अदालत ने फैसला क्यों टाला
अगस्त 2024 में इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी थीं और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को आरोप तय किए जाने थे, लेकिन अदालत ने सुनवाई के बाद फैसला आगे बढ़ा दिया। अब 4 दिसंबर को अदालत यह तय करेगी कि आरोपियों पर औपचारिक रूप से आरोप तय किए जाएं या नहीं।
आगे क्या होगा?
अगर अदालत आरोप तय करती है तो केस का ट्रायल शुरू होगा। वहीं, अगर अदालत आरोपों को अपर्याप्त मानती है, तो कुछ आरोपियों को राहत मिल सकती है।
पहले भी लगा था भ्रष्टाचार का आरोप
इससे पहले 13 अक्टूबर को इसी अदालत ने लालू प्रसाद यादव और अन्य आरोपियों पर आईआरसीटीसी घोटाले में आरोप तय किए थे। उस मामले में भी सीबीआई ने लालू परिवार पर गैरकानूनी लाभ और साजिश के आरोप लगाए थे। अदालत ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 13(2) व 13(1)(डी) के तहत आरोप तय किए थे।














