
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उत्तराखण्ड राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ‘उत्तराखण्ड सांस्कृतिक महाकुंभ समारोह’ में मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअली सम्मिलित हुईं। राज्यपाल आनंदीबेने पटेल को इस अवसर पर ‘मां नन्दा देवी शिक्षा वीर सम्मान’ से सम्मानित किया गया। साथ ही कर्नल सोफिया कुरैशी, वीर नांग सती मीन सहित उत्तर पूर्वांचल एवं अरुणाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों में जनजातीय बच्चों की शिक्षा के लिए कार्यरत अन्य महिला योद्धाओं और वीर नारियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान आईटीआईटीआई दून संस्कृति स्कूल की रजत जयंती लोगो तथा अटल बिहारी वाजपेयी शताब्दी शैक्षिक यात्रा लोगो का विमोचन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की रजत जयंती के ऐतिहासिक क्षण पर समस्त उत्तराखंड वासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने सभी सम्मानित महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इनकी ‘सफलता की कहानियां प्रेरणास्रोत हैं, इन पर पुस्तक तैयार की जानी चाहिए ताकि इन कहानियों पर शोध किया जा सके और विद्यार्थियों एवं युवाओं के बीच चर्चा हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को यह समझना चाहिए कि इन महिलाओं ने समाज में बदलाव लाने के लिए कितने परिश्रम और संघर्ष का मार्ग अपनाया।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने वीर जवानों, तपस्वी संतों, विद्वान आचार्यों और विशेष रूप से राज्य निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाने वाली वीर नारियों को नमन करते हुए कहा कि 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना उत्तराखण्ड भारत का 27वां राज्य है। इस राज्य की सबसे बड़ी शक्ति इसकी संस्कृति, परंपरा और लोगों की अदम्य इच्छाशक्ति है। उत्तराखण्ड ने हर विपत्ति में दृढ़ता से खड़े होकर स्वयं को और भी सशक्त बनाया है।










