
Lakhimpur Kheri : नगर पालिका परिषद लखीमपुर में गबन और भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई न होने को लेकर पूर्व सभासद व अधिवक्ता अंशुमान माथुर ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नगर पालिका में पिछले दो वर्षों से भ्रष्टाचार के मामलों पर न तो जांच हुई और न ही जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई। अधिशासी अधिकारी (ईओ) पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने बोर्ड बैठकों में पारित प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डालकर भ्रष्ट कर्मचारियों को संरक्षण दिया है।
दो वर्षों से लंबित हैं बोर्ड प्रस्तावों पर कार्रवाई
अंशुमान माथुर ने बताया कि नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठक दिनांक 20 जून 2023 के प्रस्ताव संख्या 14/5 व 14/7 तथा 19 जुलाई 2024 की बैठक के प्रस्ताव संख्या 19/1 में मोहम्मद सईद समेत कई कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच और कार्रवाई के लिए अधिशासी अधिकारी तथा अध्यक्ष को अधिकृत किया गया था। इसके बावजूद अब तक कोई जांच रिपोर्ट या कार्रवाई सामने नहीं आई।
उन्होंने कहा कि माननीय अध्यक्षा द्वारा 3 अगस्त 2023 को पत्रांक 862 जारी कर राजस्व निरीक्षक को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था, लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई रिपोर्ट नहीं दी गई। इससे स्पष्ट है कि राजस्व निरीक्षक और आरोपित कर्मचारियों के बीच मिलीभगत है।
13 हजार रुपये गबन का मामला दबाया गया
पूर्व सभासद ने बताया कि टैक्स कलेक्टर मोहम्मद सईद पर 13 हजार रुपये गबन का गंभीर आरोप है। यह शिकायत 6 फरवरी 2024 को मोबाइल नंबर 7007381135 से दर्ज कराई गई थी। शिकायत की सूचना अधिशासी अधिकारी को व्हाट्सऐप के माध्यम से दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि जब यह मामला उन्होंने 12 फरवरी 2024 को अध्यक्ष के संज्ञान में लाया, तो अध्यक्ष ने तत्काल मोहम्मद सईद को बर्खास्त करने और एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे, बावजूद इसके ईओ ने कोई कदम नहीं उठाया।
आईजीआरएस शिकायतों में झूठे निस्तारण का आरोप
अंशुमान माथुर ने कहा कि इस प्रकरण से जुड़ी आईजीआरएस शिकायत संख्या 40015324005397 को भी अधिशासी अधिकारी ने झूठे निस्तारण के साथ समाप्त कर दिया। जांच नियमों के विपरीत अवर अभियंता (जेई) से कराई गई, जबकि जिम्मेदारी संबंधित राजस्व निरीक्षक की थी।
उन्होंने आरोप लगाया, “जांच रिपोर्ट में शिकायतकर्ता का नाम बदल दिया गया और फर्जी हस्ताक्षर कराए गए ताकि असली शिकायत को दबाया जा सके।”
लाखों की लूट का आरोप, एफआईआर की मांग
पूर्व सभासद ने यह भी आरोप लगाया कि टैक्स कलेक्टर रोजाना की वसूली का पैसा उसी दिन नगर पालिका के कोष में जमा करने के बजाय कई दिनों तक रोककर रखते हैं, जिससे लाखों रुपये की हेराफेरी हो रही है।
उन्होंने कहा कि आईजीआरएस शिकायत 40015325013131 और 40015325027299 के झूठे निस्तारण में भी भ्रष्टाचार किया गया है।
“राजस्व विभाग में टैक्स कलेक्टरों, राजस्व निरीक्षक और अधिशासी अधिकारी की मिलीभगत से उपभोक्ताओं से अवैध वसूली की जा रही है। इन सबके खिलाफ निष्पक्ष जांच कर एफआईआर दर्ज कराना जरूरी है।”
डीएम को सौंपेंगे ज्ञापन
अंशुमान माथुर ने बताया कि पूरा मामला जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी के संज्ञान में लाया जाएगा और जल्द ही उन्हें विस्तृत ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें नगर पालिका परिषद में हो रहे गबन, भ्रष्टाचार और झूठे निस्तारणों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जाएगी।
अधिशासी अधिकारी का पक्ष
जब अधिशासी अधिकारी संजय कुमार से इस संबंध में बात की गई, तो उन्होंने कहा, “यह मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं है। पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी और सभी तथ्यों की जानकारी जल्द दी जाएगी।”
भ्रष्टाचार को संरक्षण देना शर्मनाक
अंशुमान माथुर ने कहा, “नगर पालिका में भ्रष्टाचार को संरक्षण देना बेहद शर्मनाक है। जनता के पैसे का गबन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए। जब तक दोषियों पर एफआईआर दर्ज नहीं होती, मैं यह मुद्दा लगातार उठाता रहूंगा।










