
Prayagraj : छत्तीसगढ़ के तथाकथित नेता अमित बघेल द्वारा झूलेलाल भगवान जो सिंधी समाज के इष्ट देवता हैं को “मछली वाला” एवं सिंधी समाज को “पाकिस्तानी” कहने पर चकभटाई वार्ड, नैनी स्थित सिंधी कॉलोनी में सिंधी समाज की बैठक हुई।
जहां सिंधी समाज ने मीडिया के माध्यम से भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि अमित बघेल के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही हो और वे सिंधी समाज से सार्वजनिक माफी मांगें।
सिंधी समाज ने कहा कि हिन्दुत्व एवं धर्म की रक्षा हेतु सिंध प्रांत जो अखंड भारत का हिस्सा था के सिंधी हिंदुओं ने 1947 के बंटवारे के समय अपनी जमीन-जायदाद, खेत-खलिहान, व्यापार सब कुछ छोड़कर मुसलमानों द्वारा बनाए गए नए पाकिस्तान को छोड़ दिया और हिंदुस्तान को चुना।
इस समाज ने सर्वप्रथम जात-पात की विदाई की। आज भी इस समाज में क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य, शूद्र जैसी कोई जातिगत विभाजन व्यवस्था नहीं है। इस सम्प्रदाय के लोग जाति के स्थान पर अपने पूर्वजों का नाम लगाते हैं।
इस समाज के लोग अपने आप को केवल शुद्ध हिंदुस्तानी समझते हैं। सिंध प्रांत छोड़कर भारत आने के बाद इन्होंने मेहनत–मजदूरी कर स्वयं को स्थापित किया। कभी भी किसी सरकार से आरक्षण की मांग नहीं की।
जिस झूलेलाल भगवान को मछली वाला देवता” कहा जा रहा है, वह मछली उनके वाहन के रूप में मानी जाती है। यह मछली ‘पल्ला’ नाम से जानी जाती है, जो अत्यंत ताकतवर होती है और समुद्र से विपरीत दिशा में बहते हुए सिंधु नदी में लगभग 450 किलोमीटर का सफर तय करती है।
बिना जानकारी के किसी धर्म या संप्रदाय पर गलत टिप्पणी करना निंदनीय है। “यह वही सिंध है जिसका उल्लेख हमारे राष्ट्रगान में भी होता है।
सिंधी समाज ऐसे फर्जी नेताओं का पुरजोर विरोध करता है और शासन–प्रशासन से मांग करता है कि ऐसे लोगों पर दंडात्मक कार्यवाही कर उन्हें सार्वजनिक रूप से सिंधी समाज से माफी मांगने के लिए बाध्य किया जाए।
विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से क्षेत्रीय पार्षद मयंक यादव, उमा शंकर आयलानी (मुखिया), महेश कुमार आहूजा, जितेंद्र आहूजा, नरेंद्र कुमार छाबड़ा, हेमंत कुमार छाबड़ा, रज्जन तनेजा, हेमंत मध्यान, विजय मध्यान, सचिन मध्यान, अमन छाबड़ा, नवीन आहूजा, विनोद कुमार आहूजा, सुदेश आहूजा, दर्शन, दीपक, संजय श्रीवास्तव, सुरेश अग्रवाल, अशोक भून्दड़ा, वैशाली आहूजा, ज्योति आहूजा, जानवी आहूजा, प्रिया आहूजा एवं अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं।
विरोध प्रदर्शन सिंधी धर्मशाला में आयोजित किया गया।










