Bihar Election : इस बार चुनाव में महिला और युवा वोटर लिखेंगे बिहार का भाग्य

Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव की पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है। पहले चरण में हुई बंपर वोटिंग से राजनीतिक दलों और नेताओं में उत्साह का माहौल है। सत्ता की दौड़ में शामिल दोनों प्रमुख राजनीतिक गठबंधन चाहे जंगलराज से लेकर एसआईआर-वोटचोरी का मुद्दा उछाला है।

वहीं पलायन-रोजगार, बाढ़ और सरकारी दफ्तरों में लगातार बढ़ता भ्रष्टाचार की गूंज भी चुनाव सभाओं में सुनाई दे रही है। पहले चरण की वोटिंग में युवाओं का उत्साह और महिला वोटरों की लंबी कतारों से एक बात तय हो गयी है कि महिला और युवा वोटर बिहार का भाग्य तय करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में कुल 65.08 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। यह आंकड़ा 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 7.79 प्रतिशत और 2024 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 8.8 प्रतिशत अधिक है। आयोग के मुताबिक, यह पिछले कई वर्षों की तुलना में सबसे बेहतर मतदान प्रतिशतों में से एक है।

बीते 4 नवम्बर को जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेगूसराय के साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र में लोजपा (रामविलास) उम्मीदवार सुरेंद्र विवेक के लिए प्रचार करने हेतु एक जनसभा को संबोधित किया, तो सबसे खास बात यह थी कि खचाखच भरी भीड़ में 60 फीसदी महिलाएं थीं। इसकी तुलना उसी विधानसभा क्षेत्र में राजद नेता तेजस्वी यादव की एक अन्य जनसभा से कीजिए। भीड़ में महिलाओं की उपस्थिति नगण्य थी। ये इतना बताने के लिए काफी है कि महिलाओं की बतौर वोटर पहली पसंद कौन हैं। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की रैलियों में महिलाओं की मौजूदगी में साफ अंतर बिहार चुनाव की कहानी बयां करता है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के कुल 7.43 करोड़ मतदाताओं में से 3.5 करोड़ महिला मतदाता हैं,जो उन्हें एक अहम वोट बैंक बनाता है जिसे नीतीश कुमार ने वर्षों से पोषित किया है।

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