
Banda : शासन के निर्देश पर जनपद के सभी कोतवाली और थानों में समाधान दिवस आयोजित किया गया। आयुक्त व डीआईजी ने बदौसा थाना में फरियादियों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने उपजिलाधिकारी अतर्रा को निस्तारित शिकायतों की आख्या मंडल कार्यालय भेजने और भूमि विवाद संबंधी मामलों में पुलिस एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर मौके पर भेजने के निर्देश दिए। फरियादियों की शिकायतों का प्राथमिकता और गुणवत्ता के साथ निस्तारण कराएं।
आयुक्त अजीत कुमार व डीआईजी राजेश एस. ने शनिवार को बदौसा थाने में आयोजित समाधान दिवस के दौरान लोगों की फरियादें सुनीं। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य है कि हर सरकारी योजना एवं सेवा का लाभ पात्र व्यक्ति तक बिना भेदभाव, बिना देरी और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत पहुंचे। शासन की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को समस्या समाधान के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।
आयुक्त व डीआईजी ने जनता की समस्याएं सुनते हुए निस्तारण कराया। शेष शिकायतों के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। डीएम जे. रीभा और एसपी पलाश बंसल ने कोतवाली में संपूर्ण थाना समाधान दिवस के दौरान लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने शिकायतों को सुनते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों को शिकायतों का गुणवत्ता के साथ निस्तारण कराने के निर्देश दिए।
समाधान दिवस समापन के बाद आयुक्त ने मंडी समिति में खाद वितरण केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान लगभग 200 किसान खाद के लिए लाइन में खड़े मिले। केंद्र प्रभारी ने बताया कि केंद्र पर 500 बोरी खाद उपलब्ध है और टोकन व्यवस्था के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। आयुक्त ने नायब तहसीलदार अतर्रा तथा पुलिस विभाग के सहयोग से सभी किसानों को खाद वितरित कराने के निर्देश दिए।
डीआईजी ने थाना के अभिलेखों, शस्त्रागार एवं पुराने भवन सहित आवासीय परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन काल के पुराने जर्जर थाना भवन को गिराने का प्रस्ताव भेजने और परिसर के अंदर निर्मित पुराने कुएं की सफाई एवं मरम्मत करने के निर्देश दिए।
समाधान दिवस समापन और मंडी समिति का निरीक्षण करने के बाद आयुक्त ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। यहां चिकित्सक डॉ. दीपक द्विवेदी अनुपस्थित मिले। आयुक्त ने सीएमओ को अनुपस्थित चिकित्सक का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं सीधे जनता के जीवन से जुड़ी हैं। इसमें लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।









