
Jalaun : जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने शनिवार सुबह 8:30 बजे जिला चिकित्सालय (पुरुष) का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी, क्षय रोग अनुभाग, रेडियोलॉजी, ऑर्थो वार्ड, महिला मेडिकल वार्ड, आयुष्मान वार्ड, पोषण पुनर्वास केंद्र तथा पैथोलॉजी का स्थलीय जायजा लेकर व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने पाया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक आर्या, परामर्शदात्री डॉ. गरिमा तिवारी, डॉ. स्वाति श्रीवास्तव, डॉ. गोपाल कृष्ण सोनी, चेस्ट फिजिशियन डॉ. शिवेश वर्मा, जनरल सर्जन डॉ. के.पी. सिंह एवं डॉ. आदिल अंसारी ओपीडी में अनुपस्थित पाए गए। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि सभी अनुपस्थित चिकित्सकों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
आयुष विंग के दो कक्ष बंद मिले। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि ऐसे स्थानों पर स्पष्ट सूचना बोर्ड लगाया जाए, जिससे मरीजों को चिकित्सक तक पहुंचने में असुविधा न हो। वहीं, रोग नियंत्रण केंद्र के कर्मचारी निर्धारित यूनिफॉर्म में नहीं पाए गए, जिस पर जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए कि सभी कर्मचारी व चिकित्सक निर्धारित यूनिफॉर्म में ही कार्य करें।
उन्होंने निर्देशित किया कि डिजिटल एक्स-रे कक्ष के बाहर टेक्नीशियन का नाम एवं एक्स-रे किए जाने वाले दिवस स्पष्ट रूप से अंकित किए जाएं। महिला मेडिकल वार्ड में सभी बेड खाली मिले, जबकि स्टाफ नर्स ने बताया कि चार मरीज भर्ती थे, परंतु रात में घर चले गए। इस पर जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुए कहा कि भर्ती मरीजों का रात में अस्पताल छोड़कर जाना नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया कि इस संबंध में स्पष्टीकरण प्राप्त कर जिम्मेदारी तय की जाए।
पोषण पुनर्वास केंद्र में पांच बच्चे भर्ती मिले। जिलाधिकारी ने बच्चों की खानपान व्यवस्था एवं देखभाल की सराहना करते हुए कहा कि सीसीटीवी कैमरे तत्काल लगाए जाएं, ताकि सभी गतिविधियों की निगरानी सुनिश्चित की जा सके। पैथोलॉजी विभाग में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मरीजों को जांच रिपोर्ट समय से उपलब्ध कराई जाए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मरीजों व उनके तीमारदारों से संवाद कर उनका हालचाल जाना और यह भी जानकारी ली कि क्या उपचार या ऑपरेशन के लिए किसी प्रकार की अतिरिक्त धनराशि मांगी जा रही है। सभी मरीजों एवं उनके परिजनों ने बताया कि चिकित्सालय परिसर में ही सभी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि स्वच्छता, अनुशासन और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आनंद उपाध्याय आदि मौजूद रहे।









