
नई दिल्ली। द्वारका स्थित यशोभूमि में आज एक ग्लोबल कांफ्रेंस के जरिए “मेराकी” द्वारा भारतीय बच्चों में बेहतर शिक्षा से संबंधित अवसर और हिंदुस्तान से बाहर विदेशों में जाकर पढ़ने वाले होनहार छात्रों के लिए दो दिवसीय एक सेमिनार के जरिए समग्र शिक्षा से संबंधित विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व राजदूत वीरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि भारत आज हर मामलों में बहुत ही तीव्र गति से विकास कर रही है। अब भारत के बच्चों में भी प्रतिभा की कमी नहीं है। आज के इस कार्यक्रम में एक छत के नीचे शिक्षा से जुड़ी तमाम प्रकार के साधनों के संदर्भ में बच्चों को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि “मेराकी” एक ऐसा प्लेटफार्म है , जहां पर होनहार बच्चों को उनके करियर में सहयोग कर उन्हें लक्ष्य की ओर कामयाबी का रास्ता दिखाती है। दो दिवसीय सेमिनार भी उसी कड़ी का एक हिस्सा है। ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में देश भर के बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने आकर यूएसए, यूएई, दोहा और विदेश में जाकर अपने लक्ष्य के मुताबिक एजुकेशन सिस्टम को जाना। इस संदर्भ में मेराकी के ब्रिज गुहाड़े भारत सरकार के पूर्व कल्चरल सेक्रेटरी ने बताया कि यह एक शैक्षणिक संस्थान से जुड़ा प्लेटफार्म है जहां पर बच्चों को उनके पूरी एजुकेशन सिस्टम को एक बेहतर प्रणाली के जरिए रास्ता दिखलाती है।भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ परिवर्तन की जरूरत है। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुंजाल यूनिवर्सिटी के अमुल मुंजाल ने बताया कि आज भारतीय छात्र छात्राओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। भारत शिक्षा के क्षेत्र में आज बहुत आगे की ओर बढ़ चुकी है।बावजूद इसके बड़ी संख्या में बच्चे ऐसे हैं जो विदेश में जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं किंतु ऐसा देखा गया है कि कई सारी कमियां कहिए या फिर व्यवस्था वह वहां तक पहुंच नहीं पाते।”मेराकी” ऐसे ही होनहार छात्रों के लिए एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के जरिए उन्हें मौका प्रदान करती है, क्योंकि शिक्षा से ही देश का विकास होगा और लोगों के सपने भी शाकार होंगे। इस मौके पर सीईओ ए मोहम्मद ने बताया कि मेराकी का उद्देश्य भी यही है कि प्रायः हर बच्चे में छिपी प्रतिभा को निखारना और युवाओं को शिक्षा के वास्ते उनके आवश्यकताओं को हासिल करवाना। मेराकी द्वारा आयोजित आज के जीसी कांफ्रेंस में बड़ी संख्या में भारतीय शिक्षण संस्थानों के अलावा यूनाइटेड किंगडम गल्फ कंट्री के अलावा दो दर्जन से ज्यादा विदेशों के शिक्षण संस्थान ने भी हिस्सा लेकर कांफ्रेंस के जरिए बच्चे को संबोधित किया। आए हुए अतिथियों ने कहा कि भारत में इस सम्मेलन को सफल बनाने का उद्देश्य केवल विदेश जाकर पढ़ाई करना नहीं है, बल्कि एक सपने को पूरा करना है। छात्रों के लिए विदेश जाकर बसना आसान नहीं होता। और मेराकी में हम छात्रों के लिए इसे यथासंभव नैतिक तरीके से सुविधा उपलब्ध करना चाहते हैं। इस मौके पर प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर, प्रोफ़ेसर किशोर कुमार, मिहिर भोज के प्राचार्य, डॉ. अपर्णा शर्मा, डॉ. विनय डी नगौतम बुद्ध विश्वविद्यालय सहित अन्य भी थे।













