Jhansi : फेसबुक पर वायरल हुआ नकली ऑडियो, थाना प्रभारी की आवाज़ की AI नकल पर कार्रवाई शुरू

Jhansi : डिजिटल युग में अपराधों के तरीके भी लगातार बदल रहे हैं। अब अपराधी केवल हथियार या चालबाज़ी से नहीं, बल्कि तकनीकी साधनों, खासकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग कर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की साख पर हमला करने लगे हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला झाँसी में सामने आया है, जहाँ एक फर्जी ऑडियो क्लिप के ज़रिए थाना नवाबाद प्रभारी जे.पी. पाल की छवि धूमिल करने और उनसे धन उगाही करने की कोशिश की गई।

घटना का पूरा विवरण

दिनांक 06 नवम्बर 2025 को थाना नवाबाद में तैनात उपनिरीक्षक अंकुर सिंह, जो साइबर सेल प्रभारी हैं, सोशल मीडिया पर साइबर अपराधों से जुड़ी सूचनाओं का अवलोकन कर रहे थे। इसी दौरान उनकी नज़र एक ऑडियो क्लिप पर पड़ी, जिसे देव न्यूज़ नामक एक फेसबुक चैनल और कुछ अन्य डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म द्वारा प्रसारित किया जा रहा था।

ऑडियो में थाना नवाबाद के प्रभारी जे.पी. पाल की कथित आवाज़ सुनाई दे रही थी, जिसमें उन्हें एक मुकदमे में समझौता कराने के लिए दबाव डालते हुए दर्शाया गया था। मामला संदिग्ध लगने पर उपनिरीक्षक अंकुर सिंह ने उक्त ऑडियो तत्काल थाना प्रभारी को सुनाया।

थाना प्रभारी का स्पष्टीकरण

ऑडियो सुनने के बाद जे.पी. पाल ने स्पष्ट किया कि उक्त आवाज़ उनकी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह उनकी आवाज़ की एआई तकनीक के माध्यम से नक़ल कर तैयार किया गया एक षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य उन्हें अवैध कार्यों में फँसाना और बदनाम करना है।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि यह ऑडियो जानबूझकर इस प्रकार एडिट किया गया है कि ऐसा प्रतीत हो जैसे वे किसी व्यक्ति पर मुकदमे में समझौता करने के लिए दबाव डाल रहे हों।

जांच में सामने आया षड्यंत्र

साइबर सेल द्वारा प्राथमिक जाँच में पाया गया कि उक्त ऑडियो प्रेमनारायण कुशवाहा पुत्र कालका प्रसाद, निवासी ग्राम पालर, थाना बड़ागाँव, झाँसी द्वारा अपने मोबाइल में कथित रूप से रिकॉर्ड किया गया था।

इसके बाद उस रिकॉर्डिंग को एडिट कर देव न्यूज़ चैनल के संचालक देवेन्द्र को सौंपा गया, जिसने उक्त ऑडियो को अपने चैनल के माध्यम से प्रसारित किया। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फेसबुक पर यह वीडियो लिंक के रूप में वायरल किया गया, जिसे हज़ारों लोगों ने देखा और सुना।

पुलिस की गरिमा पर चोट

इस फर्जी ऑडियो के प्रसारण से थाना नवाबाद प्रभारी की छवि एवं पुलिस विभाग की गरिमा को गहरा आघात पहुँचा। यह भी जानकारी सामने आई कि चैनल संचालक ने उक्त फर्जी ऑडियो को प्रसारित न करने के एवज में प्रभारी निरीक्षक से धन की मांग भी की थी।

अर्थात यह पूरा मामला एक सुनियोजित धन उगाही और छवि धूमिल करने का है, जिसमें एआई तकनीक का दुरुपयोग किया गया।

मुकदमा दर्ज

उपनिरीक्षक अंकुर सिंह की तहरीर पर थाना नवाबाद, झाँसी में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता एवं आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला पंजीकृत किया गया है। मुकदमे में देव न्यूज़ चैनल के संचालक देवेन्द्र एवं अन्य अज्ञात मीडिया कर्मियों को नामजद किया गया है।

पुलिस का बयान

थाना प्रभारी जे.पी. पाल ने कहा, “यह घटना इस बात का उदाहरण है कि किस तरह एआई का गलत उपयोग कर किसी की आवाज़ को क्लोन कर उसे फर्जी संवादों में डालकर प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया जा सकता है। हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं और दोषियों को सज़ा दिलाई जाएगी।”

साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक अंकुर सिंह ने बताया कि प्राथमिक जाँच में यह स्पष्ट है कि फर्जी ऑडियो को तैयार कर भ्रामक प्रचार और ब्लैकमेलिंग के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया।

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