उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक के बहनोई़, वकील, नौकर और ड्राइवर की जमानत अर्ज़ी खारिज

प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ अखलाक, वकील विजय मिश्र, नौकर और ड्राइवर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने शुक्रवार को दिया। कोर्ट ने गत 29 अक्टूबर को सुनवाई के बाद इन जमानत अर्जियों पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मेरठ निवासी अतीक के बहनोई डॉ अखलाक अहमद पर हत्याकांड के बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का आरोप है। जबकि अन्य पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है।

अतीक के बहनोई डॉ अखलाक की जमानत के समर्थन में कहा गया था कि उसे रिश्तेदार होने के कारण फंसाया जा रहा है, जबकि अन्य ने भी खुद को निर्दोष बताया था। हत्याकांड के बाद से फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम पांच लाख का इनामी है। पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद उसने डॉ अखलाक के मेरठ स्थित आवास में शरण ली थी। मेरठ से गिरफ्तार अखलाक ने जमानत पर रिहाई के लिए सितम्बर 2023 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डॉ अखलाक के अधिवक्ता ने दलील दी थी कि वह पेशे से डॉक्टर है और एफआईआर में नामजद नहीं है। अपराध की दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं है। उसे केवल अतीक के रिश्तेदार होने के कारण फंसाया गया है। राज्य सरकार की ओर से जमानत का विरोध किया गया।

अतीक के वकील विजय मिश्र पर उमेश पाल हत्याकांड में मुखबिरी करने का आरोप है। विजय मिश्र की गिरफ्तारी लखनऊ से हुई थी। जमानत पर रिहाई की मांग करते हुए उनकी अधिवक्ता मंजू सिंह ने दलील दी थी कि उन्हें अतीक के वकील होने के कारण फंसाया जा रहा हैं। इसी तरह कैश व नियाज़ की ओर से भी बेगुनाह होने की दलीलें दी गई। उनके अधिवक्ता ने कहा था कि कैश ड्राइवर था जबकि काफी समय पहले से नौकरी छोड़ चुका था। उसका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। नियाज़ के वकील ने भी उसे बेकसूर बताया था। कहा था कि उसका घटना से कोई सरोकार नहीं है। उसके पास से की बरामदगी नहीं है, न ही वह एफआईआर में नामजद है।

उमेश पाल की पत्नी जया पाल के अधिवक्ता प्रवीण पांडेय, सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि सभी आरोपी हत्याकांड में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। अभी तक ट्रायल कोर्ट में आरोप तय होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। मौजूदा समय में अतीक की इनामी बीवी शाइस्ता परवीन, अशरफ की बीवी जैनब व बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत कुल सात अन्य आरोपी फरार हैं। ऐसे में उनकी रिहाई से लम्बित ट्रायल प्रभावित होगा।

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