
- उत्तर प्रदेश में चीनी उद्योग पर संकट, लाखों गन्ना किसानों में भारी चिंता
Tambaur, Sitapur : उत्तर प्रदेश के गुड़ और खांडसारी उद्योग से जुड़ी एक बड़ी और चिंताजनक खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश गुड़ एवं खांडसारी निर्माता संघ ने अपनी सभी उत्पादन इकाइयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखने का कड़ा फैसला लिया है। उद्योग के इस अचानक निर्णय से गन्ना किसानों और इस क्षेत्र से जुड़े लाखों श्रमिकों में भारी चिंता फैल गई है।
नीतियों से असमर्थता और अनिश्चितकालीन बंदी
गुड़ एवं खांडसारी निर्माता संघ के बेहटा स्थित सीतापुर शुगर इंडस्ट्रीज के संचालक विवेक वर्मा (तुलसी) ने बताया किसान के खाते में भुगतान अनिवार्य किया गया है जबकि किसान का कहना है हम गन्ना नगद बेचेंगे। खांसारी इकाइयों को मिल कानून के दायरे में लाने का जो प्रयास सरकार कर रही है। उसी के लिए हम लोग हड़ताल कर रहे है। अगर मिल दायरे में हम लोगो को लाया जा रहा है तो हम लोगो को सुविधाएं भी दी जाए जो मिल को दी जाती है। संघ ने स्पष्ट किया है कि खांडसारी उद्योगों के लिए बनाई गई नीतियाँ उनके संचालन में बाधक बन रही हैं। उद्योग का कहना है कि इन नीतियों के कारण वे अपनी इकाइयों को चलाने में पूरी तरह असमर्थ हैं इसलिए, उद्योग ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगों को पूरी तरह से मान नहीं लिया जाता, तब तक उनकी सभी इकाइयाँ बंद रहेंगी।

गन्ना किसानों पर गहरा संकट
खांडसारी उद्योग का यह फैसला गन्ना पेराई के सीजन से ठीक पहले आया है। यह उद्योग चीनी मिलों के अलावा गन्ना किसानों के लिए फसल बेचने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होता है। इस उद्योग के बंद होने से उन लाखों गन्ना किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है, जिनकी फसल कटाई के लिए तैयार है। किसानों के पास अपना गन्ना बेचने के विकल्प सीमित हो जाएँगे, जिससे उन्हें न केवल अपनी फसल के उचित मूल्य से वंचित होना पड़ सकता है, बल्कि पेराई न होने की स्थिति में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। फिलहाल, उद्योग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी मांगों पर अडिग है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस गतिरोध को तोड़ने और गन्ना किसानों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाती है।










