
- हर हाल में लक्ष्य पूरा करने का है दबाव, ऐसे में शराब ज्यादा पिलाकर ही लक्ष्य पूरा करना होगा संभव
- खराब परफॉर्मेंस देने वाले अधिकारियों पर लिया जाएगा एक्शन
लखनऊ। वैधानिक चेतावनी ! शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन राज्य के लोगों को इस सावधानी भरे संदेश की अनदेखी करनी होगी। क्योंकि यूपी में आबकारी विभाग को राजस्व का जो भारी-भरकम लक्ष्य मिला है वो…थोड़ी-थोड़ी पिया करो.. से पूरा नहीं होने वाला। इसी संकट का ध्यान रखते हुए अफसरों को कसा गया है।
दरअसल, प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने कहा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग को 63 हजार करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य मिला है। इस लक्ष्य को प्रत्येक दशा में प्राप्त किया जाना है। इसके लिए निर्धारित मासिक राजस्व लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन जनपदों ने अक्टूबर माह में निर्धारित आबकारी राजस्व लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया है और लगातार उनकी परफारर्मेंश खराब चल रही है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही की जायेगी।

बैठक में आबकारी मंत्री द्वारा बताया गया कि माह अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक निर्धारित लक्ष्य 32,500 करोड़ के सापेक्ष प्राप्ति 30,657.54 करोड (94.33 प्रतिशत) रही। प्रदेश में गतवर्ष इसी अवधि में 26,330.87 करोड़ की आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ था। इस प्रकार वर्तमान वर्ष में गतवर्ष के सापेक्ष प्राप्त 4326.67 करोड़ (116.43 प्रतिशत) का अधिक राजस्व अर्जित किया गया है। आबकारी मंत्री द्वारा वर्ष 2025-26 में आबकारी विभाग द्वारा लगभग 63,000 करोड़ के लक्ष्य की पूर्ति किये जाने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये। प्रदेश के सीमावर्ती असेवित क्षेत्रों में मदिरा की सम्भावित नई दुकानों हेतु सर्वे कराकर 15 दिवस के अन्दर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
आबकारी मंत्री ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक प्रदेश में किसी भी जनहानि जैसी अप्रिय घटना के न होने पर संतोष व्यक्त किया गया। आगे और भी अधिक सजग रहकर प्रवर्तन कार्य को सम्पादित किये जाने हेतु क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये, जिससे कि किसी भी स्थिति में कोई अप्रिय घटना न हो। अवैध मदिरा के निर्माण, परिवहन एवं बिक्री के सम्बन्ध कड़ी कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये गये, जिससे कि अन्य प्रान्तों की मदिरा की बिक्री प्रदेश में न होने पाए। कच्ची शराब के निर्माण एवं बिक्री पर पूर्णतया रोक लगाने हेतु सार्थक प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये। समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारी निरीक्षकों फील्ड स्टाफ का समय-समय पर कार्यशाला आयोजित करने, नवाचार व कानून-नियमों की जानकारी अद्यतन रखने के निर्देश दिये गये ताकि प्रवर्तन एवं निरीक्षण कार्य की गुणवत्ता में सुधार हो। शराब माफिया एवं अवैध गिराहों के खिलाफ प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित करते हुए प्रदेश में किसी भी माफिया या उनके समूहों को पनपने नहीं देने तथा ऐसे गिरोहों के समूल उन्मूलन हेतु विशेष कार्रवाई व समन्वित संचालन चलाने का निर्देश दिये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वीना कुमारी, आबकारी आयुक्त डॉ आदर्श सिंह, विशेष सचिव, आबकारी अभिषेक आनन्द, अपर आबकारी आयुक्त (प्रशासन) नवनीत सेहारा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित एवं जनपदीय अधिकारी ऑनलाइन जुड़े थे।










