
Bihar Election Voting 2025 : आज बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग बडे़ ही उत्साह के साथ सपन्न हुई . जिसको लेकर राज्यभर में लोकतंत्र का उत्सव दिखाई दिया। बात दें कि सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें नजर आई। पहले चरण में एनडीए और महागठबंधन के कई दिग्गज नेता मैदान में, इनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मंगल पांडे, विजय चौधरी के साथ ही महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
कुछ अजीबो – गरीब दृश्य भी देखने को मिले जहां कोई भैंस पर सवार होकर वोट डालने आया तो कहीं वोट बहिष्कार कर रहा. दरअसल जहां एक तरफ मतदान को लेकर पूरे राज्य में लोकतंत्र का उत्सव देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के सुघराइन गांव से एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली . दरअसल इस गांव के लोग यहां सड़क न बनने को लेकर काफी ज्यादा नाराज है, जिसके चलते यहां के लोगो ने पहले सड़क, फिर वोट ..यह कहकर वोटिंग का बहिष्कार किया.
बता दें कि सुबह से लेकर अब तक गांव के किसी भी मतदाता ने यहां वोट नहीं डाला। बूथ संख्या 284, 285, 286 और 287 पूरी तरह खाली पड़े रहे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले ही प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर सड़क नहीं बनी तो वे मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे, लेकिन उनकी मांगों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

वहीं सुघराइन गांव के निवासियों का कहना है कि हसनपुर स्टेशन महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन वहां पहुंचने के लिए उन्हें दो नदियां पार करनी पड़ती हैं। कुशेश्वरस्थान प्रखंड मुख्यालय तक जाने के लिए भी कोई पक्की सड़क नहीं है। वर्षों से सड़क निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक न तो प्रशासन ने कोई कदम उठाया और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने इस दिशा में ध्यान दिया। इसी उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया।
वहीं गांव के एक निवासी ने कहा कि , “हम हर चुनाव में वादा सुनते हैं कि सड़क बनेगी, लेकिन कभी कुछ नहीं हुआ। इसलिए इस बार हमने तय किया कि जब तक सड़क नहीं बनेगी, तब तक वोट नहीं डालेंगे।” ग्रामीणों का कहना है कि अब उनकी नाराजगी सिर्फ विरोध नहीं बल्कि एक लोकतांत्रिक संदेश है. सरकार को यह समझना होगा कि जब जनता विकास से वंचित रहती है, तो उसका सबसे बड़ा हथियार ‘वोट’ ही उसका विरोध बन जाता है।
वहीं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपने फैसले पर अडिग रहे। उन्होंने साफ कहा कि जब तक सड़क निर्माण की ठोस घोषणा नहीं की जाएगी, तब तक विरोध जारी रहेगा। दरअसल, यह सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि उन हजारों ग्रामीण इलाकों की आवाज है जो वर्षों से विकास की उम्मीद में सरकारी वादों के सहारे बैठे हैं। बिहार चुनाव के इस शोर में सुघराइन का सन्नाटा एक गहरी बात कह रहा है – “सड़क नहीं, तो वोट नहीं।” वहीं प्रशासन
बता दें कि कुशेश्वरस्थान से जदयू से अमन भूषण अभी विधायक हैं। इस बार NDA समर्थित जदयू उम्मीदवार अतिरेक कुमार मैदान सहित 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। सीधा मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा था लेकिन तकनीकी कारणों से इंडिया गठबंधन की पार्टी वीआईपी के प्रत्याशी गणेश भारती का नामांकन रद्द हो गया था। हालांकि गणेश भारती अब निर्दलीय मैदान में डटे हुए हैं।
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