Sitapur : DM का ‘ऑपरेशन क्लीन’ मिश्रिख CHC में! गैरहाजिर डॉक्टर का वेतन कटा, 3 कर्मचारियों पर गिरी गाज

  • घटिया खाने पर SHG का टेंडर रद्द

Sitapur : जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर. के ताबड़तोड़ निरीक्षण अभियान में अब मिश्रिख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर बड़ा एक्शन हुआ है। गुरुवार (06 नवंबर 2025) को अचानक सीएचसी पहुंचे डीएम ने व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया, जिसमें लापरवाही का भंडाफोड़ हुआ। अनियमितताएं देखकर डीएम का पारा चढ़ गया और उन्होंने सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए, जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।

निरीक्षण में मिलीं बड़ी खामियां और ताबड़तोड़ एक्शन

​प्रभारी चिकित्साधिकारी पर गाज गिर गई। मौके से अनुपस्थित पाए गए प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. प्रखर श्रीवास्तव का आज का वेतन काटने और नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया।
​3 कर्मचारियों का 15 दिन का वेतन काटा गया। कार्यों में घोर लापरवाही मिलने पर ब्लॉक एकाउंट्स मैनेजर (बी0ए0एम0) बालक राम, फार्मासिस्ट रवी यादव, और स्टॉफ नर्स सीता के विरुद्ध डी0एच0एस0 में प्रस्ताव लाते हुए 15 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया गया है।

​सखी स्वयं सहायता समूह (SHG) का टेंडर रद्द किया गया। मरीजों को दिए जा रहे भोजन एवं नाश्ते की गुणवत्ता और मात्रा मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर, कार्यरत सखी स्वयं सहायता समूह (SHG) का टेंडर तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया।

​इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश

बी0पी0एम0, बी0सी0पी0एम0 एवं बैम को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया।
​ऑक्सीजन प्लांट तत्काल शुरू करने का निर्देश दिए। खराब पड़े ऑक्सीजन प्लांट को तत्काल ठीक कराकर संचालित करने के सख्त निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं एवं समुचित उपचार मिलना चाहिए। उन्होंने दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता, सफाई का समुचित प्रबंध सुनिश्चित करने और बेडशीट नियमित रूप से बदलवाने का निर्देश दिया। साथ ही, ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों को निरंतर भ्रमणशील रहने और भर्ती मरीजों को दी गई दवाओं का विवरण उनके पर्चे पर अवश्य दर्ज करने को कहा।

डीएम ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जन्म पंजीकरण प्रमाण-पत्र डिस्चार्ज के समय ही परिवारजन को दे दिया जाए। इस निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। डीएम के इस सख्त रुख से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जगी है, लेकिन कर्मचारियों में दहशत का माहौल है।

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