
- दुर्ग स्थित तालाबों में डुबकी लगाकर नीलकंठ के किए दर्शन
- पांच दिवसीय कालिंजर महोत्सव मेले का हुआ आगाज
Naraini, Banda : बुंदेलखंड के मशहूर मेलों में शामिल पांच दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा मेला का ऐतिहासिक कालिंजर दुर्ग में आगाज हो गया। पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आमद रही। मेले में बड़ी संख्या में सीमावर्ती मध्य प्रदेश के श्रद्धालु भी शामिल रहे। आस्थावानों ने दुर्ग स्थित बुड्ढा-बुड्ढी, रामकटोरा और कोटितीर्थ तालाबों में डुबकी लगाकर भगवान नीलकंठ के दर्शन किए।
अजेय दुर्ग कालिंजर में कार्तिक पूर्णिमा मेला महोत्सव के पहले दिन बुधवार को भारी भीड़ रही। सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश से सटे होने के कारण यहां जनपद समेत पन्ना, छतरपुर, अजयगढ़, चंदला, चित्रकूट समेत आसपास के अन्य जिलों से श्रद्धालु कालिंजर दुर्ग पहुंचे। प्राचीन कालिंजर दुर्ग में यह मेला भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय के जन्मोत्सव पर लगता चला आ रहा है। पुरानी परंपरा के तहत इस मेले पर यह महोत्सव जिला प्रशासन द्वारा बीते कई वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। मेला कमेटी के अध्यक्ष दयाराम सोनकर ने बताया मेले में सभी व्यवस्थाएं पहले ही पूरी कर ली गई थीं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पन्ना रोड, सतना रोड, चित्रकूट रोड एवं किला रोड पर बैरियर लगाए गए हैं। मेला परिसर में तकरीबन 2 किलोमीटर दूरी से सुरक्षा के व्यापक पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह पर पुलिस फोर्स तैनात है। आस्थावानों ने दुर्ग स्थित बुड्ढा-बुड्ढी, रामकटोरा और कोटितीर्थ तालाबों में डुबकी लगाकर भगवान नीलकंठ के दर्शन किए।
कालेश्वर मंदिर मेले में जमकर हुई खरीददारी
कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर बांदा-पैलानी मार्ग पर खप्टिहाकलां मोड़ के पास स्थापित कालेश्वर मंदिर परिसर में भी मेला, दंगल और रामलीला का आयोजन आरंभ हो गया। श्रद्धालुओं ने कालेश्वर महादेव के मंदिर में दुग्धाभिषेक किया। परिसर में लगे मेले में आसपास के गांवों से आये ग्रामीणों ने गन्ना, रेवड़ी, चाट-पकौड़ी आदि की खूब खरीददारी की। महिलाओं ने प्रसाधन सामग्री तो बच्चों ने खिलौनों से दिल बहलाया।











