
श्री प्रवीण आनन्द उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में उपायुक्त हैं। प्रवीण आनंद का जन्म कानपुर शहर में हुआ था। उन्होंने अपना अधिकांश प्रारंभिक जीवन, स्कूली शिक्षा एवं कॉलेज शिक्षा कानपुर में ही ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने मोतीलाल नेहरू अनुसंधान एवं व्यवसाय प्रशासन संस्थान (MONIRBA), प्रयागराज से एमबीए किया।
उन्होंने “मुक्ता” और “मेरी सहेली” जैसी कहानियों से अपने लेखन करियर की शुरुआत की। वर्ष 2013 में उनकी पहली किताब “I Love You More Than Anyone Else” प्रकाशित हुई। इसके बाद 2014 में उन्होंने “Mars, Love and Breakup” नामक एक और किताब लिखी। फिर उन्होंने “Mumtaz and Tajmahal” नामक एक बेहद चर्चित किताब लिखी। उनकी लेखन यात्रा “Acid – Why I Was Acid Attacked” किताब से जारी रही — यह और उनकी पिछली दोनों किताबें Amazon Kindle पर बेस्टसेलर रहीं।

उनकी नवीनतम कृति “Rani Durgawati – Who Never Lost a War, Till She Was Alive” (2025) रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित एक ऐतिहासिक दस्तावेज के समान है। इस पुस्तक में रानी दुर्गावती के जीवन, शौर्य और संघर्ष का इतना विस्तृत एवं तथ्यपूर्ण वर्णन किया गया है, जो पहले किसी अन्य रचना में नहीं मिलता।
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🔗 Rani Durgawati – Who Never Lost a War, Till She Was Alive
प्रवीण आनन्द की लेखनी ऐतिहासिक पात्रों को इतने सजीव रूप में प्रस्तुत करती है कि पाठक स्वयं उस कालखंड में पहुँच जाता है। रानी दुर्गावती कालिंजर के शासक राजा कीर्तिवर्धन सिंह की पुत्री थीं — वही कालिंजर जहाँ शेरशाह सूरी की मृत्यु राज्य फतेह करने के दौरान हुई थी।
दुर्गावती ने अपने पति की मृत्यु के बाद सती न होकर स्वयं गढ़ा कटंगा (वर्तमान जबलपुर क्षेत्र) राज्य की बागडोर संभाली। उन्होंने मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार करने से इनकार किया और 52 युद्धों में से 51 में विजय प्राप्त की। अपने अंतिम युद्ध (24 जून 1564) में पराजय से पूर्व उन्होंने मुगल सेना के हाथों पड़ने से बचने के लिए आत्मबलिदान दिया।
उनकी शौर्यगाथा के सम्मान में
भारत सरकार ने 2024 में उनकी 500वीं जयंती* को शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया, जिसकी शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शहडोल (मध्य प्रदेश) से की।















