
Sonauli, Maharajganj : नेपाल-भारत सीमा पर रोज़ाना दर्जनों भारतीय टैक्सियाँ बिना रोक-टोक नेपाल में प्रवेश कर रही हैं। ये टैक्सियाँ केवल यात्रियों को होटल और कसीनो तक पहुँचाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कभी-कभी अवैध तस्करी से संबंधित सामान भी लाती-ले जाती हैं। बीते माह वाहन चेकिंग के दौरान हुई गिरफ्तारी में यह तथ्य साबित भी हो चुका है।
यह सब कहीं न कहीं दोनों देशों की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत तथा उदासीनता के कारण संभव हो रहा है। सीमा चौकियों पर नज़राना और क्लियरेंस के नाम पर पैसों की लेन-देन की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।
बेलहिया, भैरहवा, बुटवल और लुम्बिनी जैसे इलाकों में भारतीय टैक्सियों का बोलबाला है। बिना सत्यापन और पंजीकरण के ये वाहन नेपाल में प्रवेश कर जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि कई बार इन वाहनों में छिपे लोग होटल और कसीनो में नकदी लेन-देन करते हैं। कुछ मामलों में हथियारों की तस्करी की आशंका भी जताई गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति केवल व्यापारिक नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से भी बेहद खतरनाक है। बिना जांचे-परखे वाहनों का लगातार प्रवेश तस्करी, अवैध हथियारों और संभावित आतंकवादी गतिविधियों के लिए रास्ता खोल सकता है।
स्थानीय संगठनों और टैक्सी यूनियनों ने सरकार से तुरंत पारदर्शी जांच की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
सीमा निगरानी को कड़ा करना
कसीनो और होटलों में छानबीन
आरोपित अधिकारियों और बिचौलियों की गिरफ्तारी
इन संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।












