UP : कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं से भरी नाव सरयू नदी में पलटी, छटपटाने लगीं महिलाएं…

देवरिया। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार की सुबह देवरिया जिले के बरहज थाना क्षेत्र के थाना घाट पर एक बड़ा हादसा टल गया, जब श्रद्धालुओं से भरी एक डोंगी नाव अचानक पलट गई। इस हादसे में करीब एक दर्जन श्रद्धालु नदी में गिर गए, लेकिन स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की सूझबूझ से सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, इस घटना ने नदी में चल रही नावों की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मंगलवार की सुबह जैसे ही कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त शुरू हुआ, हजारों श्रद्धालु सरयू नदी की पवित्रता में डूबने पहुंचे। उसी समय, लगभग बारह श्रद्धालु सवार एक छोटी नाव बीच नदी पहुंचते ही ओवरलोड और तेज बहाव के कारण असंतुलित होकर पलट गई। नाव पलते ही श्रद्धालु पानी में गिर गए और चीख-पुकार मच गई। मौके पर मौजूद गोताखोरों और नाविकों ने तत्परता दिखाते हुए सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। कुछ श्रद्धालु तैरते हुए किनारे पहुंचे, जबकि अन्य को रस्सी फेंककर बाहर निकाला गया।

हादसे के तुरंत बाद घाट पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सैकड़ों श्रद्धालु मदद के लिए दौड़ पड़े। महिलाओं और बच्चों की चीख-पुकार से पूरा माहौल दहशत में डूब गया। अपने ही सुरक्षा इंतजामों को लेकर श्रद्धालुओं में नाराजगी भी देखी गई, क्योंकि उन्हें लगा कि प्रशासन की ओर से पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस घटना में स्थानीय गोताखोरों ने अपने जीवन को खतरे में डालकर सभी श्रद्धालुओं को बचाया। घाट पर मौजूद गोताखोरों ने तुरंत नदी में छलांग लगाई और डूबते लोगों को खींचकर बाहर निकाला। प्रशासन के पहुंचने से पहले ही ग्रामीण राहत कार्य में जुट गए थे। बचाए गए श्रद्धालुओं में कुछ को हल्की चोटें आईं हैं, लेकिन कोई गंभीर हताहत नहीं हुआ।

सवाल उठ रहे हैं कि नदी में बिना मानक और सुरक्षा इंतजाम के नावें कैसे चल रही हैं। इन नावों में न तो लाइफ जैकेट, न ही सुरक्षा प्रमाणपत्र थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्व के दौरान प्रशासन केवल कागजी कार्रवाई करता है, लेकिन जमीन पर कोई सख्ती नहीं होती। तेज बहाव के बावजूद नावों की जांच नहीं की गई और ओवरलोडिंग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

हादसे के बाद श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा जैसे भीड़भाड़ वाले पर्व पर भी नावों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी। घाट पर न तो रेस्क्यू बोट थी और न ही पर्याप्त गोताखोरों की टीम तैनात थी। यदि समय रहते गोताखोर नदी में न कूदते, तो संभवत: बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।

मामले की जानकारी मिलते ही बरहज थाने के थानाध्यक्ष और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। नाविकों से पूछताछ कर उनके ओवरलोडिंग के कारणों की जांच का आदेश दिया गया है। पुलिस ने नाव को जब्त कर लिया है और संबंधित नाव मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम विपिन द्विवेदी ने कहा है कि अब बिना अनुमति के कोई नाव नदी में नहीं उतरेगी, और सभी घाटों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।

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