
Visheshwarganj, Bahraich : मंगलवार को मोबियस फाउंडेशन, स्वास्थ्य विभाग एवं उम्मीद परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में ब्लॉक मुख्यालय के सभागार में ब्लॉक समन्वय समिति की दूसरी बैठक खण्ड विकास अधिकारी अजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई, बैठक में मातृत्व स्वास्थ्य, बाल विवाह तथा लिंग भेदभाव जैसे गंभीर मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
खण्ड विकास अधिकारी ने कहा कि बाल विवाह केवल बचपन छीनने की सामाजिक बुराई नहीं है, बल्कि यह मातृत्व स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। कम उम्र की लड़कियां गर्भधारण के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं होतीं। उन्होंने शिक्षकों, युवाओं और ग्रामीण समुदाय से मिलकर आम जनमानस में जागरूकता फैलाने की अपील की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. प्रवीण पाण्डेय ने कहा कि 18 वर्ष से पहले विवाह होने वाली लड़कियां शारीरिक रूप से पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, जिससे गर्भावस्था में एनीमिया, कुपोषण, जटिल प्रसव एवं शिशु मृत्यु जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। कम उम्र की माताओं में प्रसव के दौरान मौत की संभावना भी दोगुनी होती है। उन्होंने इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों स्तरों पर गंभीर प्रयास की जरूरत बताई।
बैठक में खण्ड विकास अधिकारी ने कहा कि किशोरी के मां बनने पर उसकी शारीरिक कमजोरी और स्वास्थ्य समस्याएं परिवार की अर्थव्यवस्था पर बोझ डालती हैं। असुरक्षित मातृत्व का असर मां के साथ-साथ बच्चे के पोषण, शिक्षा और भविष्य की आने वाली पीढ़ियों पर असर पडता है, बाल विकास परियोजना अधिकारी दीपा गुप्ता ने कहा कि कुपोषित मां से जन्मा बच्चा कमजोर स्वास्थ्य के कारण शिक्षा और रोजगार में पिछड़ जाता है। इस तरह बाल विवाह तथा असुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी और बीमारी का दुष्चक्र बनाए रखते हैं।
इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि समय से पहले विवाह और मातृत्व की जिम्मेदारी समाज पर गहरा असर डालती है। इससे महिलाओं की शिक्षा और आर्थिक भागीदारी घटती है, मातृ व शिशु मृत्यु दर बढ़ती है और कमजोर पीढ़ियां समाज की उत्पादक क्षमता कम कर देती हैं, पापुलेशन फाउण्डेशन (जनसंख्या स्वास्थ्य एवं विकास संस्था) के अंतर्गत उम्मीद परियोजना के जिला प्रतिनिधि रामबरन यादव ने बताया कि जनपद में बाल विवाह की दर 37.5% है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। 18 साल से कम उम्र में मां बनने वाली किशोरियों की संख्या भी चिंताजनक है। उन्होंने इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। बैठक में बीसीपीएम धर्मेंद्र कुमार मिश्रा, बीपीएम ममता मिश्रा, ब्लॉक आजीविका मिशन व शिक्षा विभाग के अलावा अन्य प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।










