
- कुछ माह पहले इलाज करते एक फर्जी चिकित्सक को तीमारदार पकड़े थे
- सावधान, जिला अस्पताल में बाहरी व्यक्ति मरीज का इलाज करते हैं यह कौन लोग हैं और किसकी सह पर इतनी हिम्मत करते हैं इसका जवाब किसी के पास नहीं है यह स्थिति
Basti : जिला अस्पताल में अक्सर सामने आता है। बाहरी व्यक्ति धड़ल्ले से रोगियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते है, वहीं अस्पताल प्रशासन को खबर तक नहीं रहती है। वार्डों में वह राउंड भी लगाते हैं, ओपीडी भी करते हैं, लेकिन इन्हें रोकने टोकने वाला कोई नही है। आखिर यह किसकी शह पर अस्पताल में चिकित्सक की भूमिका में रहते है। दलालो का यह काकस नही टूट रहा है। यह रोगियों को बरगला कर सेंटिंग वाले निजी अस्पताल में भिजवा देते हैं। यहीं से सेंटिंग गेटिंग के चलते कमाई का जरिया बना लिए हैं। इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हो रहा है।
जिसमें बाहरी व्यक्ति जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड मे भर्ती एक रोगी को राइस ट्यूब डालते दिख रहा है। यह ट्यूब उन रोगियों को डाला जाता है जो विषाक्त का सेवन कर लेते हैं। इतना गंभीर इलाज बाहरी व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। रोगियों की जान के साथ यह सिर्फ खिलवाड़ किया जा रहा है। वीडियो में बाहरी व्यक्ति कंधे पर आला रखकर एकदम चिकित्सक की तरह दिख रहा है। वहीं हृदय रोग विभाग के एनसीडी क्लीनिक में भी बाहरी व्यक्ति चिकित्सक की कुर्सी पर बैठ कर रोगियों का इलाज करता है। इसकी भी भनक अस्पताल प्रशासन को नहीं लग रही है। अब सवाल यह भी उठता है कि आखिर एनसीडी क्लीनिक में जिस चिकित्सक की ड्यूटी रहती है क्या उन्हें बाहरी व्यक्ति नहीं दिखता। इतना ही नहीं बाहरी व्यक्ति अपने फेसबुक पेज पर भी इलाज करने का वीडियो अपलोड करता है।
कुछ माह पहले पकड़ा गया था फर्जी चिकित्सक
बस्ती: जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में कुछ माह पहले रात में फर्जी चिकित्सक मरीजों का इलाज करते पकड़ा गया था। रोगी की मृत्यु के बाद फर्जी चिकित्सक रेफर करने की बात करने लगा था जिससे स्वजन को शक हुआ था। उसके बाद स्वजन हंगामा करने लगे थे। फर्जी चिकित्सक को पुलिस को सौंप दिया था। सांस की समस्या लेकर पहुंची मरीज रुधौली की निवासी 45 वर्षीय शीला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। स्वजन मुंह पर मास्क और गले में आला लटकाए कथिक चिकित्सक से पूछताछ करने लगे तो वह भागने लगा था। तीमारदारों ने बताया था कि उसके मुंह से शराब की गंध आ रही थी। पूछताछ में पहले उसने बताया था कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के बाद इटर्नशिप कर रहा है मगर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया था।















