Moradabad : पाकबड़ा में पुलिस-आबकारी विभाग की मिलीभगत से चल रहा अवैध शराब का कारोबार ! जिम्मेदार बने मूकदर्शक

  • बराबर में लाइसेंस की दुकान पर लाइसेंस संख्या तक नहीं लिख रही

Moradabad : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ‘अपराध-मुक्त प्रदेश’ का जो सपना बुना जा रहा है, वह स्थानीय स्तर पर पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से चूर-चूर हो रहा है। ताजा मामला जनपद मुरादाबाद के थाना पाकबड़ा क्षेत्र के जीरो पॉइंट पर सामने आया है, जहां एक अवैध शराब कैंटीन धड़ल्ले से संचालित हो रही है। यह कैंटीन अंग्रेजी शराब की अधिकृत दुकान के बिल्कुल बगल में स्थित है जो सुबह 7 बजे से देर रात 12 बजे तक अवैध रूप से शराब परोसी जा रही है। महज 500 मीटर दूर पाकबड़ा थाने की पुलिस और आबकारी विभाग की टीम आंखें मूंदे बैठी है।

अवैध कैंटीन का काला कारोबार: सुबह से रात तक लंबी कतारें

यह अवैध कैंटीन सुबह 7 बजे ही खुल जाती है, जबकि आधिकारिक अनुमति के अनुसार शराब की बिक्री सुबह 10 बजे से शुरू होनी चाहिए। संचालक आबकारी विभाग को चकमा देकर न केवल अवैध शराब बेच रहे हैं, बल्कि ओवर रेटिंग करके भी ग्राहकों का शोषण कर रहे हैं। सुबह से ही कैंटीन के बाहर शराब खरीदने और पीने वालों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं। सूत्रों के अनुसार, इस कैंटीन का संचालन राजेश उपाध्याय की बिल्डिंग में अखिलेश पांडे नामक व्यक्ति कर रहा है।

इस अवैध धंधे से होने वाली मोटी कमाई का बड़ा हिस्सा स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों-ड्राइवरों तक पहुंच रहा है। यही वजह है कि संचालक बेखौफ होकर कारोबार चला रहे हैं। कैंटीन के आसपास कई बार झगड़े और मारपीट की घटनाएं भी हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह स्थान दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर स्थित है, जहां से देश के कई वीआईपी और वीवीआईपी गुजरते हैं। इतनी संवेदनशील लोकेशन पर भी यह अवैध कैंटीन बेधड़क संचालित हो रही है, जो प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध शराब और अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर यह नीति कागजों तक सीमित नजर आ रही है। पाकबड़ा थाना और आबकारी विभाग की निष्क्रियता से सवाल उठता है कि क्या स्थानीय अधिकारी ‘कट’ के लालच में अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं? जिले में पहले भी अवैध शराब के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इस तरह की कैंटीन हाईवे पर खुलेआम चलना शर्मनाक है। आबकारी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच हो।

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