
- सीतापुर में रात के सन्नाटे में डीएम का काफिला पहुँच गया हरगांव चीनी मिल, सीधे गन्ना किसानों से की वार्ता
 
हरगांव, सीतापुर। सोमवार की आधी रात जब पूरा सीतापुर सो रहा था तब जिले के मुखिया डॉ राजा गणपति आर अपने काफिले के साथ हरगांव स्थित चीनी पहुंच गए। यह नज़ारा देखकर मिल कर्मचारी और किसान चौंक गए! यह कोई AC कमरों में बैठकर फ़ोन पर निर्देश देने वाली ‘बाबूगिरी’ नहीं थी। यह था असली ‘प्रशासन’ जो ज़मीन पर उतरकर काम करता है।
जब पूरी दुनिया नींद की आगोश में थी, तब सीतापुर के डीएम डॉ. राजा गणपति आर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह यह देखने निकले थे कि कड़ाके की ठंड में मिल में गन्ना लेकर आए अन्नदाता को कोई तकलीफ तो नहीं।

न अफसरशाही, न इंतज़ार… सीधे किसानों से बात!
डीएम ने दफ्तरों का रुख नहीं किया। वह सीधे ट्राली यार्ड में पहुँचे, जहाँ किसान अपनी ट्रॉलियां लिए खड़े थे। उन्होंने एक-एक किसान से रुककर बात की, उनकी समस्याएं सुनीं। मिल गेट पर लगे तौल कांटों का बारीकी से निरीक्षण किया। जिला गन्ना अधिकारी रत्नेश्वर त्रिपाठी ने डीएम को समझाया कि कैसे मानव रहित (unmanned) कांटों पर गन्ने की तौल होती है। यह सिर्फ निरीक्षण नहीं था। डीएम ने किसानों की समस्याओं को सुना और वहीं खड़े-खड़े मिल अधिकारियों को समाधान के तुरंत निर्देश दिए।
मिल से डिस्टलरी तक… चप्पे-चप्पे का निरीक्षण
डीएम का काफिला इसके बाद केन कैरियर, मिल हाउस, बॉयलिंग हाउस और गोदाम से होता हुआ डिस्टलरी यूनिट (आसवानी) तक गया। उन्होंने गन्ने से चीनी और एथेनॉल बनने की पूरी प्रक्रिया को बारीकी से समझा और व्यवस्थाओं पर संतोष जताया।
इस दौरान अधिशासी अध्यक्ष ए के दीक्षित समेत मिल के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे, जो डीएम की इस ‘नाइट ड्यूटी’ को देख हैरान थे।
जनता बोली- “ये सरकारी नौकर नहीं, जननायक हैं!
डीएम के इस औचक निरीक्षण ने सीतापुर के लोगों में एक नया भरोसा जगा दिया है। लोगों का कहना है कि यही फर्क है एक ‘अधिकारी’ और ‘जननायक’ में। प्रशासन दफ्तरों से नहीं, ज़मीन पर उतरकर जनता की सेवा करने से चलता है।
यह भी पढ़े : लखनऊ में स्कूटी से दिव्यांग युवती को अगवा कर किया रेप, बहन बोली- खून बहता रहा मगर पुलिस करती रही आनाकानी










