ED की बड़ी कार्रवाई : अनिल अंबानी ग्रुप की ₹3,000 करोड़ से ज्यादा संपत्तियां फ्रीज

मुंबई। अनिल अंबानी के बिजनेस साम्राज्य पर एक बार फिर संकट गहराता नजर आ रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से अधिक संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है, जिनकी कुल कीमत करीब ₹3,000 करोड़ से अधिक बताई जा रही है।

इन संपत्तियों में अंबानी का पाली हिल स्थित घर सहित दिल्ली, मुंबई, नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी जैसे शहरों में फैली अचल संपत्तियां, ऑफिस स्पेस और जमीन के टुकड़े शामिल हैं। ED ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत 31 अक्टूबर 2025 को की।

शेयर बाजार में भी दिखा असर

इस कार्रवाई का सीधा असर अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों पर पड़ा। सोमवार सुबह रिलायंस पावर का शेयर 1.01% गिरकर ₹45.95 पर पहुंच गया, जबकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर 1.72% टूटकर ₹210.85 पर आ गया। कारोबार के दौरान यह ₹204 तक लुढ़क गया।

क्या है पूरा मामला

यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस द्वारा जुटाए गए पब्लिक फंड के कथित दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। 2017 से 2019 के बीच, यस बैंक ने रिलायंस होम फाइनेंस में ₹2,965 करोड़ और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस में ₹2,045 करोड़ का निवेश किया था। दिसंबर 2019 तक ये निवेश डूब गए और ₹3,300 करोड़ से अधिक की रकम बकाया रह गई।

जांच में बड़ा खुलासा

ED की जांच में सामने आया कि पूर्व रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड ने सेबी (SEBI) के कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नियमों का उल्लंघन करते हुए इन कंपनियों में इनडायरेक्ट निवेश किया। बताया गया कि म्यूचुअल फंड से जुटाया गया पब्लिक फंड यस बैंक के जरिए अनिल अंबानी समूह की कंपनियों तक पहुंचाया गया।

इसके बाद इन कंपनियों ने फंड को रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी अन्य कंपनियों को लोन के रूप में ट्रांसफर किया। फिलहाल ED इस पूरी लेन-देन श्रृंखला की गहन जांच कर रही है।

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