
गाजा पट्टी। आतंकवादी समूह हमास ने रविवार शाम तीन और बंधकों के शव रेडक्रॉस के माध्यम से इजराइल को सौंप दिए। इजराइल के अधिकारी तीनों की पहचान की पुष्टि के लिए प्रयासरत हैं। इनमें से एक शव की पहचान सैनिक ओमर न्यूत्रा के तौर पर हुई है। इस बीच इजराइल ने कहा कि गाजा में हमास के अब ठिकाने बचे हैं।
द टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार की इस घटनाचक्र से जुड़ी रिपोर्ट के अनुसार, एक शव के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह अमेरिकी-इजराइली सैनिक ओमर न्यूत्रा का है। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क निवासी इस व्यक्ति के माता-पिता ने इस बात की पुष्टि की। इजराइली अधिकारियों के अनुसार अगर तीनों की पुष्टि बंधक के रूप में हो जाती है तो उन्हें अभी भी आठ बंधकों के शव और मिलने चाहिए।
हमास के बयान के अनुसार, तीन बंधकों के शव रविवार को एक सुरंग से निकाले गए। बयान में, समूह ने एक तस्वीर प्रकाशित की, जिसमें एक शव को बैग में बंद दिखाया गया। इस पर एक मृत बंधक का नाम लिखा था। समूह ने तीन ताबूतों को दक्षिणी गाजा में रेडक्रॉस के प्रतिनिधियों को सौंपा। रेडक्रॉस ने तीनों के ताबूतों को आईडीएफ तक पहुंचाया। इजराइल पहुंचने के बाद शवों को पहचान के लिए तेल अवीव के अबू कबीर फॉरेंसिक संस्थान ले जाया गया।
हमास ने इससे पहले गुरुवार को दो मारे गए बंधकों 84 वर्षीय अमीरम कूपर और 25 वर्षीय सहर बारूक के अवशेष सौंपे थे। इजराइल में दोनों की पहचान के बाद रविवार को उन्हें दफना दिया गया। इजराइल ने आतंकवादी समूह पर 10 अक्टूबर से लागू युद्धविराम के तहत हुई सहमति के अनुसार सभी बंदियों को वापस करने की शर्त पर टालमटोल करने का आरोप लगाया है।
इस समझौते के तहत हमास को 72 घंटों के भीतर सभी 20 जीवित बंधकों को वापस करना था और इसी समय सीमा के भीतर सभी 28 मृत बंधकों का पता लगाना था। इजराइल का आकलन है कि हमास को केवल कुछ ही शवों का स्थान पता था। समूह ने सभी 20 जीवित बंधकों को तो सौंप दिया, लेकिन समय सीमा समाप्त होने तक गाजा में रखे 28 में से केवल चार शव ही लौटाए। उसके बाद से समूह ने धीरे-धीरे 13 और शव लौटाए ।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कुछ घंटे पहले कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में कहा कि गाजा में इजराइली नियंत्रण वाले क्षेत्र में हमास के दो ठिकाने बचे हैं। इनमें एक राफाह में और दूसरा खान यूनिस में है। उन्होंने वादा किया, “उन्हें नष्ट्र कर दिया जाएगा।” नेतन्याहू ने कहा, ” गाजा में अगर सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की कोई कोशिश होती है, हमला जरूर किया जाएगा।”















