NH: सड़क हादसों पर सरकार सख्त, 500 मीटर दायरे में दोबारा हादसा तो ठेकेदार पर 50 लाख तक जुर्माना

उमाशंकर के अनुसार, यदि किसी 500 मीटर के क्षेत्र में एक साल के भीतर एक से ज्यादा हादसे दर्ज होते हैं, तो संबंधित ठेकेदार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा, और अगर अगले साल भी उसी स्थान पर हादसा होता है, तो यह राशि बढ़कर 50 लाख रुपये तक हो जाएगी। उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक करीब 3,500 ब्लैक स्पॉट यानी ऐसे स्थानों की पहचान की जा चुकी है, जहां सड़क दुर्घटनाओं की संभावना सबसे अधिक रहती है।

इसके साथ ही मंत्रालय ने सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज योजना शुरू करने की भी तैयारी कर ली है। इस योजना के तहत दुर्घटना में घायल लोगों को नामित अस्पतालों में पहले सात दिनों तक अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना इस साल मार्च में चंडीगढ़ से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी और अब इसे छह राज्यों में लागू किया जा चुका है। मंत्रालय का मानना है कि यह पहल समय पर इलाज न मिलने से होने वाली मौतों को कम करने में मददगार साबित होगी और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक अहम बदलाव लाएगी।

सड़क हादसों पर अंकुश लगाने और लोगों की जान बचाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अब यह तय किया है कि अगर किसी राष्ट्रीय राजमार्ग के एक ही हिस्से पर एक वर्ष के भीतर एक से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, तो निर्माण करने वाली कंपनी पर 25 से 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने बताया कि बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल पर बने राजमार्गों के अनुबंध दस्तावेजों में संशोधन किया गया है। इसके तहत अब ठेकेदारों को हादसे की स्थिति में न केवल क्रैश मैनेजमेंट प्लान लागू करना होगा, बल्कि सुधारात्मक कदम भी अनिवार्य रूप से उठाने होंगे।

उमाशंकर के अनुसार, यदि किसी 500 मीटर के क्षेत्र में एक साल के भीतर एक से ज्यादा हादसे दर्ज होते हैं, तो संबंधित ठेकेदार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा, और अगर अगले साल भी उसी स्थान पर हादसा होता है, तो यह राशि बढ़कर 50 लाख रुपये तक हो जाएगी। उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक करीब 3,500 ब्लैक स्पॉट यानी ऐसे स्थानों की पहचान की जा चुकी है, जहां सड़क दुर्घटनाओं की संभावना सबसे अधिक रहती है।

इसके साथ ही मंत्रालय ने सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज योजना शुरू करने की भी तैयारी कर ली है। इस योजना के तहत दुर्घटना में घायल लोगों को नामित अस्पतालों में पहले सात दिनों तक अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना इस साल मार्च में चंडीगढ़ से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी और अब इसे छह राज्यों में लागू किया जा चुका है। मंत्रालय का मानना है कि यह पहल समय पर इलाज न मिलने से होने वाली मौतों को कम करने में मददगार साबित होगी और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक अहम बदलाव लाएगी।

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