विश्व शांति भारत की मूल सोच का हिस्सा, संकट में सबसे पहले आगे बढ़ता है भारत- प्रधानमंत्री मोदी

Raipur : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विश्व शांति की भावना भारत की मूल सोच में गहराई से जुड़ी हुई है और जब भी दुनिया में संकट आता है, भारत हमेशा ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ बनकर मानवता की सेवा के लिए सबसे पहले आगे बढ़ता है। यही भारत की पहचान और संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है, जो दुनिया को एक परिवार मानने की भावना से प्रेरित है।

प्रधानमंत्री ने आज छत्तीसगढ़ के नवां रायपुर में ब्रह्माकुमारी संस्थान के ध्यान केंद्र ‘शांति शिखर’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज का दिन विशेष है क्योंकि छत्तीसगढ़ के गठन को 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने झारखंड और उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के स्थापना दिवस पर भी शुभकामनाएं दीं और कहा कि राज्यों का विकास ही देश की प्रगति की सबसे बड़ी ताकत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत वह देश है जो हर जीव में ईश्वर को देखता है और आत्मा में अनंत का अनुभव करता है। भारत के हर धार्मिक अनुष्ठान का समापन विश्व कल्याण की प्रार्थना से होता है, यही हमारी सभ्यता की सबसे बड़ी विशेषता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है। हमारे शास्त्रों ने हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीने की सीख दी है। नदियों को माता, जल को देवत्व और पेड़ों में भगवान का वास मानने की भावना ही प्रकृति के संरक्षण की सच्ची दिशा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ और ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ जैसे वैश्विक विचारों को साकार कर रहा है। भारत का ‘मिशन लाइफ’ पूरी मानवता के लिए है, जो सीमाओं से परे जाकर पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का संदेश देता है।

उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था से अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए कहा कि यह आंदोलन बरगद के पेड़ की तरह फैल चुका है। उन्होंने ‘शांति शिखर’ को विश्व शांति के लिए सार्थक प्रयासों का नया केंद्र बताया और कहा कि यह संस्थान देश और दुनिया में करोड़ों लोगों को जोड़ने का कार्य करेगा।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

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