अमेरिका में भारतीय मूल के CEO पर 4200 करोड़ के फ्रॉड का आरोप, जानिए कौन हैं बंकिम ब्रह्मभट्ट?

Indian Origin CEO Fraud : अमेरिका में भारतीय मूल के दूरसंचार उद्योगपति बंकिम ब्रह्मभट्ट पर 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,200 करोड़ रुपये) के बड़े घोटाले का आरोप लगा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मभट्ट पर यह आरोप है कि उन्होंने ब्लैकरॉक की प्राइवेट क्रेडिट शाखा, एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स और अन्य वित्तीय संस्थानों को धोखे से निशाना बनाकर फर्जीवाड़ा किया।

ब्रह्मभट्ट, जो अमेरिका में प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस के मालिक हैं, का बैंकाई ग्रुप (Bankai Group) पिछले 30 साल से इस क्षेत्र में सक्रिय है। उनकी कंपनियां विश्वभर के टेलीकॉम ऑपरेटरों को इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाएं प्रदान करती हैं। आरोप है कि उन्होंने लोन के लिए गिरवी रखे गए खातों और देनदारियों को फर्जी दस्तावेजों के सहारे तैयार कर भारी रकम जुटाई।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

मुकदमों में कहा गया है कि ब्रह्मभट्ट ने अपने खातों में नकली ग्राहक और रसीद दिखाते हुए कई बड़े लोन लिया। दो साल की अवधि में उन्होंने फर्जी इनवॉइस, अनुबंध और ईमेल बनाकर यह दिखाने का प्रयास किया कि बड़ी टेलीकॉम कंपनियों की देनदारियां उनकी फर्मों पर हैं। अदालत में दायर मुकदमों में आरोप है कि उन्होंने केवल कागजों पर विशाल नकली बैलेंस शीट बनाई। 

अगस्त में दायर एक अन्य मुकदमे में दावा किया गया है कि इन लोन के जरिए पैसा भारत और मॉरीशस में ऑफशोर खातों में ट्रांसफर किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबास ने इस लोन को वित्तपोषित किया था, जिसकी कुल राशि 2021 तक लगभग 385 मिलियन डॉलर और अगस्त 2024 तक लगभग 430 मिलियन डॉलर पहुंच गई। 

जब लोन प्रक्रिया शुरू हुई, तब एचपीएस ने डेलॉयट को कंपनी की जांच के लिए नियुक्त किया। जुलाई में, एक कर्मचारी को कंपनी के खातों में अनियमितता का पता चला, जिसके बाद ब्रह्मभट्ट से सवाल पूछे गए। शुरुआत में उन्होंने इनकार किया, लेकिन बाद में उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया। जब उनके न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय पहुंचे, तो पता चला कि ऑफिस बंद पड़ा है। वहां से कई लग्जरी गाड़ियां और कोई जवाब नहीं मिला। 

रिपोर्ट के अनुसार, अब ब्रह्मभट्ट के लिंक्डइन प्रोफाइल को हटा दिया गया है और उनकी स्थिति जानकारी के अभाव में है। उनके खिलाफ अमेरिकी कोर्ट में मामला चल रहा है, और उन्होंने अमेरिकी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए Chapter 11 दिवालियापन संरक्षण का भी आवेदन किया है। 

ब्रह्मभट्ट ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उनके वकील का कहना है कि यह सब गलतफहमी और बदनाम करने का प्रयास है। वहीं, उनके समर्थक और परिवार इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हैं। 

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