
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी ने सभी योग्य उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “सभी वर्गों को, जो वादा किया गया था, उनकी संख्या के अनुसार भागीदारी दी गई है।”
प्रशांत किशोर ने बिहार में जाति की राजनीति को लेकर कहा, “बिहार में जाति की बात पूर्वाग्रह है। यदि 26 प्रतिशत लोग एनडीए और महागठबंधन को वोट नहीं देते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि वे किसी जाति के हैं। वे भी किसी जाति से हो सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “आप मान लीजिए कि लालू जी को सारे लोग वोट देते, तो उनका वोट प्रतिशत बहुत अधिक होता।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें जाति राजनीति को रोकने की जरूरत नहीं है। “हर दौर में कुछ लोग जाति की राजनीति करते हैं। जन सुराज पार्टी के 240 प्रत्याशी भी किसी जाति के हैं।” उन्होंने कहा, “आप चाहे जाति की राजनीति करें या न करें, हम जो टिकट देते हैं, उसमें से कुछ न कुछ तो निकलेगा। कोई भी व्यक्ति जाति को मिटा नहीं सकता है, और न ही कोई ये दावा कर सकता है कि प्रशांत किशोर ब्राह्मणों के नेता हैं।”
प्रशांत किशोर ने कहा, “भागीदारी का फैसला समाज के पांच वर्गों- सामान्य, ओबीसी, ईबीसी, मुस्लिम और दलित की संख्या के आधार पर किया जाएगा। सभी योग्य लोगों को टिकट दिया जाएगा।” उन्होंने कहा, “जो वादा किया गया था, उसकी भागीदारी भी उनकी संख्या के अनुसार दी गई है।” साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि “243 सीटें सही संख्या नहीं हैं, बल्कि उससे अधिक हैं। जब आप चुनाव कराते हैं, तो उस समूह की कुल संख्या के अनुसार टिकट दी जानी चाहिए।”
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