
Congress : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को अपनी व्यक्तिगत राय में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि देश की अधिकांश कानून-व्यवस्था की समस्याएं भाजपा और आरएसएस से जुड़ी हैं। खरगे ने यह भी याद दिलाया कि सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस की आलोचना की थी, ने भी इस संगठन की निंदा की थी।
खरगे ने सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कांग्रेस पर की गई हमलों का जवाब देते हुए कहा कि, “यह मेरी निजी राय है कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, क्योंकि देश में ज्यादातर मुद्दे और कानून-व्यवस्था की समस्याएं भाजपा-आरएसएस से जुड़ी हैं।”
उन्होंने देश की एकता में ‘आयरन मैन’ और ‘आयरन लेडी’ के महत्वपूर्ण योगदान का भी जिक्र किया। कहा कि, “स्वर्गीय सरदार पटेल और इंदिरा गांधी जैसे नेताओं ने देश की एकता बरकरार रखने में बड़ा योगदान दिया।”
खरगे ने सरदार पटेल द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उस समय के गृह मंत्री पटेल ने कहा था कि आरएसएस ने ऐसा माहौल बनाया कि महात्मा गांधी की हत्या जैसी त्रासदी संभव हो सकी।
उन्होंने यह भी कहा कि, “पटेल और नेहरू एक-दूसरे का सम्मान करते थे। नेहरू ने पटेल की देश की एकता में भूमिका की प्रशंसा की थी, और पटेल ने नेहरू को देश का आदर्श नेता बताया था।”
खरगे की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरदार पटेल जम्मू-कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। खरगे ने आरोप लगाया कि, “कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से मिली गुलामी की मानसिकता को अपनाया है, जबकि अब देश औपनिवेशिक सोच के हर निशान को मिटा रहा है।”
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 1875 में गुजरात के नाडियाड में हुआ था। वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और देश के एकीकरण में उनके योगदान के कारण ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में जाने जाते हैं। उनका निधन 1950 में हुआ था।
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