
नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर जो टैरिफ लगाए हैं, उससे देश के माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) पर भी निगेटिव असर पड़ा है। अब इसी प्रभाव से निपटने के लिए मोदी सरकार कुछ कदम उठाने जा रही है। मोदी सरकार का प्लान जल्द ही टेक्सटाइल, अपैरल, कारपेट जैसे सेक्टर्स में छोटे और मध्य कारोबारों की मदद के लिए कुछ कदम उठाने का है।
ट्रंप टैरिफ से प्रभावित सेक्टर्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम के अलावा भी कई अन्य उपाय लागू हो सकते है। रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार जल्द उन एमएसएमई की मदद के लिए 4-5 कदम उठाएगी, जिन पर ट्रंप टैरिफ का सबसे ज्यादा असर हुआ है। इन सेक्टर्स में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स के बढ़ने और बेरोजगारी को प्रमुख चिंता का विषय माना जा रहा है। इसीलिए केंद्र सरकार कुछ जरूरी कदम उठाने जा रहा है।
अमेरिकी सरकार टेक्सटाइल, कपड़ों, कालीन, रत्न, ज्वैलरी और सी-फूड इंडस्ट्री जैसी चीजों के भारतीय एक्सपोर्ट पर कुल 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा चुकी है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने कहा था कि टैरिफ से प्रभावित एमएसएमई की मदद की जाएगी और इसके लिए एक नई क्रेडिट सपोर्ट स्कीम बनेगी। नई क्रेडिट सपोर्ट स्कीम जल्द से जल्द शुरू हो सकती है। मोदी सरकार के उपायों का मकसद एक्सपोर्टर्स को अमेरिकी बाजार में कम कॉम्पिटिशन की वजह से होने वाले नुकसान से बचाना है। इसके अलावा उन्हें नए बाजार खोजने में भी मदद की जाएगी।
एमएसएमई के सामने पेमेंट में देरी की वजह से कैपिटल की कमी हो रही है और लगभग 40 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट एक्सपोजर के साथ ये दिक्कत और गहरा सकती है। इससे एनपीए (लोन चुकाने में असफलता) भी हो सकते हैं।
















 
    
    