खाकी के इकबाल पर जोरदार कंटाप…कचहरी में वकील की गिरफ्तारी के दौरान अपमान छिपाने की कोशिश





– रावतपुर पुलिस टीम के साथ जबरदस्त धक्का-मुक्की
– अज्ञात अधिवक्ता ने दारोगा को पीछे से जड़ा थप्पड़
– पुलिस अभिरक्षा से अभियुक्त को छीनने की कोशिश
– वीडियो फुटेज वायरल होने पर 24 घंटे बाद रिपोर्ट


कानपुर। शताब्दी द्वार के अंदर से कमिश्नरेट पुलिस को ललकारने के 27 घंटे बाद अधिवक्ताओं ने पुलिस का इकबाल रौंद दिया। कचहरी के अंदर से अधिवक्ता प्रिंसराज श्रीवास्तव की गिरफ्तारी से नाराज अधिवक्ताओं ने रावतपुर पुलिस को घेरकर अभियुक्त को अभिरक्षा से छुड़ाने का प्रयास किया। इस दरमियान पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौच हुई। छीना-झपटी के साथ एक अधिवक्ता ने दारोगा के जोरदार कंटाप जड़ दिया। अपमान से आहत खाकी वर्दी ने पलटवार करने के बजाय इज्जत बचाने की खातिर मामले का दबाना मुनासिब समझा। खाकी का कचहरी में अपमान का वीडियो फुटेज अगले दिन वायरल हुआ तो मुंह छिपाने वाली पुलिस फ्रंटफुट पर आई और देर शाम कोतवाली में अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर लिखी गई है।

मुखबिर की हरकत से अधिवक्ता की गिरफ्तारी
दरअसल, रावतपुर थानाक्षेत्र के विनायकपुर में चार दिन पहले देर शाम दवा खरीदने के बाद भुगतान में छूट के मुद्दे पर गाली-गलौच के बाद मारपीट के मामले में गंभीर रूप से जख्मी विधि छात्र अभिजीत सिंह चंदेल की मां द्वारा दर्ज एफआईआर में मेडिकल स्टोर संचालक अमर सिंह, विजय सिंह, निखिल तिवारी के साथ अधिवक्ता प्रिंसराज श्रीवास्तव नामजद हैं। तीन अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पुलिस को प्रिंसराज श्रीवास्तव की तलाश थी। बुधवार को प्रिंसराज कचहरी में अपने अधिवक्ता के चैंबर में चुनिंदा पत्रकारों को अपनी बेगुनाही के सबूत दिखा रहा था। इसी दरमियान मौके पर मौजूद खाकी के मुखबिर ने पुलिस आफिस में प्रिंसराज की लोकेशन को साझा कर दिया। आधा घंटे में रावतपुर पुलिस ने कचहरी में फील्डिंग सजाई और चैंबर से बाहर निकलते ही प्रिंसराज को दबोच लिया। बॉर एसोसिएशन के मुताबिक, कई विवादित मामलों में नाम सामने के कारण यूपी बॉर काउंसिल ने प्रिंसराज को दो साल के लिए डिबार किया है।

बाहर निकलते ही पुलिस के साथ बदतमीजी
पुलिस घेराबंदी में प्रिंसराज बगैर शोर-शराबा कचहरी परिसर से बाहर निकल आया, लेकिन जीप में बैठाने की कोशिश में जबरदस्ती हुई तो लायर्स गेट पर खड़े अधिवक्ताओं की नजर पड़ गई। एक दिन पहले खाकी के खिलाफ लायर्स एसोसिएशन के इंकलाब से उत्तेजित अधिवक्ताओं ने पुलिस जीप को घेरने के बाद प्रिंसराज को छुड़ाने के लिए धक्का-मुक्की और गाली-गलौच करना शुरू कर दिया। एक मिनट के वायरल फुटेज में साफ दिख रहा है कि, चलती जीप में अभियुक्त को घुसेड़कर पुलिस जैसे-तैसे मौके से भागने की कोशिश में जुटी थी और अज्ञात अधिवक्ता और सिविल ड्रेस में मौजूद कुछेक लोग लगातार बदतमीजी पर आमादा थे। इसी दरमियान एक अधिवक्ता ने दारोगा को पीछे से जोरदार कंटाप भी मारा था। लायर्स के पूर्व महामंत्री अभिषेक तिवारी भी विरोध जताते नजर आए, लेकिन पुलिस के साथ मारपीट के दौरान वह दूर थे।

इज्जत पर हमला दबाने में जुटी थी खाकी
लायर्स के ऐलान के साथ पुलिस के इकबाल पर हमला हुआ, लेकिन पलटवार के बजाय रावतपुर पुलिस ने अपमान को दफन करना मुनासिब समझा। किसी आला अधिकारी को पुलिस टीम के साथ अभद्रता और सरकारी काम में बाधा की जानकारी भी मुहैया नहीं हुई। गुरुवार दोपहर गिरफ्तारी के दरमियान छीना-झपटी, गाली-गलौच और कंटाप मारने का वीडियो वायरल हुआ तो आनन-फानन में ड्रैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू हुई। कोतवाली में अज्ञात अधिवक्ताओं और अज्ञात अन्य के खिलाफ सरकारी काम में बाधा, मारपीट, अभियुक्त को अभिरक्षा से छुड़ाने की कोशिश समेत कई गंभीर धाराओं में एफआईआर लिखी गई है। पुलिस ने इकबाल पर हमले को क्यों छिपाया, इस सवाल का जवाब देने के लिए कमिश्नरेट पुलिस आगे नहीं आई।

 
वीडियो फुटेज से हरकत सामने आई है, एफआईआर लिखी गई है। जल्द ही शिनाख्त करने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
राजेश पाण्डेय, स्टॉफ अफसर, पुलिस कमिश्नरेट

 
कचहरी से अधिवक्ता की गिरफ्तारी गलत परंपरा की शुरुआत है, इसलिए विरोध करना लाजिमी था। मारपीट और अभद्रता का पक्षधर नहीं हूं। मुझे मारपीट की जानकारी वायरल फुटेज के जरिए हुई है।
अभिषेक तिवारी, पूर्व महामंत्री, लायर्स एसोसिएशन

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