किशोर न्याय बोर्ड का फैसला बरकरार : आरोपी को बालिग मानकर चलाया गया मुकदमा

नई दिल्ली। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने मानसिक रूप से अस्वस्थ 60 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम हत्या के आरोपी 16 साल के किशोर को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता और अपराध की क्रूरता को देखते हुए आरोपी को बालिग मानते हुए ये फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 302 के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट दोषी की सजा की अवधि पर 7 नवंबर को फैसला सुनाएगा। बता दें कि घटना 2017 की है, जिसमें फुटपाथ पर जीवनयापन कर रही 60 वर्षीय एक मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को आरोपी ने अपनी बर्बरता का शिकार बनाया था। मामले की जांच में सामने आया कि आरोपी ने न केवल महिला के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि लोहे की रॉड से उस पर अमानवीय हमला किया था।


मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, रॉड से महिला के आंतरिक और बाहरी अंगों पर गंभीर चोटें आई थीं, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई, वारदात के समय आरोपी की उम्र 16 साल, 11 महीने और 22 दिन थी। पहले ये मामला किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष आया। किशोर न्याय बोर्ड ने अपराध की क्रूरता, आरोपी की मानसिक स्थिति और अपराध करने की समझ को देखते हुए आरोपी के खिलाफ बालिग की तरह मुकदमा चलाने का आदेश दिया। किशोर न्याय बोर्ड के इस फैसले को रोहिणी कोर्ट ने भी बरकरार रखा है। रोहिणी कोर्ट ने कहा कि आरोपी की नीयत स्पष्ट रूप से हत्या करने की थी। उसने क्रूरता की सभी सीमाएं पार कर दीं, कोर्ट ने इस अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में माना। अब सजा की अगली पर 7 नवंबर को सुनवाई होगी।

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