शाहरुख खान व नेटफ्लिक्स के खिलाफ समीर वानखेड़े के मानहानि मामले में हाईकोर्ट ने मांगी लिखित दलील

Delhi High Court : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अधिकारी समीर वानखेड़े के आर्यन खान ड्रग्स मामले से जुड़े वेब सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ में अपने चित्रण को लेकर नेटफ्लिक्स, शाहरुख खान और सीरीज के निर्माताओं के खिलाफ दायर मानहानि केस को लेकर दोनों पक्षों को लिखित दलीलें दाखिल करने का आदेश दिया। जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान गुरुवार काे समीर वानखेड़े के वकील जे. साईं दीपक ने कहा कि वे इस मामले में लिखित दलीलें दाखिल करना चाहते हैं। उसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को 6 नवंबर तक लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया।

वानखेड़े ने शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट एवं अन्य पक्षों से 2 करोड़ का हर्जाना मांगा है। समीर वानखेड़े ने कहा है कि वेब सीरीज में उनकी छवि गलत तरीके से पेश की गई है। इस वेब सीरीज के जरिए न केवल समीर वानखेड़े बल्कि जांच एजेंसी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है।

याचिका में कहा गया है कि समीर वानखेड़े और आर्यन खान का मामला अभी बांबे उच्च न्यायालय और ट्रायल कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए इस विषय पर वेब सीरीज का निर्माण करना कोर्ट के काम में हस्तक्षेप करने के बराबर है। याचिका में कहा गया है कि समीर वानखेड़े की छवि को हुए नुकसान के एवज में कोर्ट जो हर्जाना तय करे उसे टाटा मेमोरियल अस्पताल को दे दिया जाए।

वानखेड़े की याचिका में कहा गया है कि वेब सीरीज की सामग्री सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन करती है, क्योंकि यह अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को चोट पहुंचाने का प्रयास करती है।

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