सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने जा रहे हैं? इन 5 बातों का रखें खास ध्यान! वरना होगा नुकसान

पुरानी इलेक्ट्रिक कार खरीदना कई बार समझदारी भरा फैसला साबित हो सकता है, लेकिन यह तभी फायदेमंद होता है जब आप खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लें। अगर बैटरी, चार्जर, टायर या जंग जैसी चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो बाद में भारी खर्च उठाना पड़ सकता है। आज भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने लोगों को EV की ओर आकर्षित किया है। नई इलेक्ट्रिक कारें अभी भी महंगी हैं, इसलिए बहुत से लोग सेकंड-हैंड या पुरानी इलेक्ट्रिक कार खरीदने को बेहतर विकल्प मानते हैं। हालांकि, खरीदारी से पहले कुछ अहम चीजों की जांच बेहद जरूरी है।

1. ऑनबोर्ड चार्जर की जांच करें
इलेक्ट्रिक कार का ऑनबोर्ड चार्जर उसकी चार्जिंग प्रणाली का अहम हिस्सा होता है। यह बैटरी को नियंत्रित रूप से चार्ज करता है। पुरानी EVs में यह हिस्सा अक्सर कमजोर या खराब हो सकता है। अगर चार्जर ठीक से काम नहीं करता, तो चार्जिंग धीमी हो जाएगी और कार की रेंज घटेगी। इसकी मरम्मत पर हजारों रुपये खर्च हो सकते हैं। इसलिए, खरीदने से पहले विशेषज्ञ से चार्जर की जांच और टेस्ट चार्जिंग जरूर करवाएं।

2. एयर हीट पंप और PTC हीटर की जांच करें
कई इलेक्ट्रिक कारों में केबिन का तापमान नियंत्रित करने के लिए PTC हीटर या एयर हीट पंप लगे होते हैं। ये पार्ट्स काफी महंगे होते हैं। अगर इनमें खराबी हो, तो रिपेयर कॉस्ट बहुत ज्यादा आती है। इसलिए कार खरीदते समय सुनिश्चित करें कि एसी और हीटिंग सिस्टम सही तरह से काम कर रहे हों। किसी भी अजीब आवाज या जलने की गंध पर तुरंत ध्यान दें और जरूरत पड़ने पर सर्विस सेंटर दिखाएं।

3. बैटरी की सेहत की जांच करें
इलेक्ट्रिक कार की सबसे महत्वपूर्ण यूनिट उसकी बैटरी होती है। पुरानी कार खरीदने से पहले बैटरी की State of Health (SoH) रिपोर्ट जरूर देखें। बैटरी की उम्र, चार्जिंग साइकल और वारंटी की स्थिति की जानकारी लें। कमजोर बैटरी से गाड़ी की रेंज घट जाती है, और नई बैटरी लगाने पर खर्च लाखों तक जा सकता है। इसलिए बैटरी रिपोर्ट और वारंटी पेपर जांचे बिना कोई निर्णय न लें।

4. जंग (Rust) की जांच करें
इलेक्ट्रिक कारों में भी समय के साथ जंग लग सकती है, खासकर तटीय इलाकों में चलने वाली गाड़ियों में। कार खरीदने से पहले चेसिस और बैटरी केस को नीचे से ध्यानपूर्वक निरीक्षण करें। अगर जंग दिखाई दे रही हो, तो यह सुरक्षा के लिहाज से खतरा हो सकता है। इसलिए इस बिंदु को नजरअंदाज न करें।

5. टायरों की स्थिति देखें
EVs सामान्य कारों से भारी होती हैं, इसलिए इनके टायरों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। खरीदने से पहले टायर की ग्रिप, ट्रेड डेप्थ और साइडवॉल की क्रैकिंग देखें। पुराने या घिसे हुए टायरों की स्थिति के अनुसार कार की कीमत पर मोलभाव करें। यह भी सुनिश्चित करें कि टायर EV-रेटेड लो रोलिंग रेजिस्टेंस टायर हों।

6. सॉफ्टवेयर अपडेट्स और वारंटी रिकॉर्ड जांचें
इलेक्ट्रिक कारों में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) और सॉफ्टवेयर अपडेट्स बेहद अहम होते हैं। अगर कार में पुराने सॉफ्टवेयर चल रहे हैं, तो परफॉर्मेंस और बैटरी लाइफ प्रभावित हो सकती है। इसलिए खरीदारी से पहले यह जांच लें कि सभी अपडेट्स इंस्टॉल किए गए हैं और वारंटी वैध है या नहीं।

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