
देहरादून : अब शहरी क्षेत्रों में घूमने वाले निराश्रित कुत्तों की देखभाल के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शहरी विकास विभाग ने सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को नई नियमावली जारी की है। इसके तहत अब हर वार्ड में इन कुत्तों के लिए समर्पित भोजन स्थल (Feeding Point) बनाए जाएंगे।
मुख्य बिंदु
- हर वार्ड में निराश्रित कुत्तों की संख्या को ध्यान में रखते हुए भोजन स्थल तय किए जाएंगे, ताकि वे आवासीय इलाकों में न भटकें। ये स्थान ऐसे होंगे जहां बच्चों और बुजुर्गों की आवाजाही कम हो।
- नगर निकायों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कुत्तों को केवल तय स्थलों पर ही भोजन कराया जाए। अन्यत्र भोजन कराने वालों पर कार्रवाई की जा सकेगी।
- इन भोजन स्थलों पर सूचना पट्ट लगाए जाएंगे और नगर निकाय जनजागरूकता अभियान चलाएंगे। शिकायतें अस्थायी रूप से सीएम हेल्पलाइन 1905 पर दर्ज की जा सकेंगी।
- कुत्ता प्रेमी नागरिक अब इन कुत्तों को गोद भी ले सकेंगे। इसके लिए संबंधित नगर निकाय में आवेदन करना अनिवार्य होगा। एक बार गोद लेने के बाद उन्हें छोड़ना प्रतिबंधित रहेगा।
- हिंसक या रैबीज ग्रस्त कुत्तों को डॉग केयर सेंटर या एबीसी सेंटर में निगरानी में रखा जाएगा, जबकि सामान्य कुत्तों का बधियाकरण और एंटी-रैबीज टीकाकरण कर उन्हें वापस छोड़ा जाएगा।
- कुत्तों को पकड़ने और संभालने के लिए डॉग हैंडलर्स को प्रशिक्षण देना अनिवार्य किया गया है।
यह कदम निराश्रित कुत्तों की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व को संतुलित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।















