
नई दिल्ली । लोक आस्था और सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान देशभर में श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड से लेकर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता तक छठ घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह-सुबह जब पूर्व दिशा में सूर्य की लालिमा दिखाई दी, तो घाटों पर मौजूद महिलाओं के चेहरे श्रद्धा और आनंद से चमक उठे। पारंपरिक लोकगीतों के साथ व्रती महिलाओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान व्रती महिलाएं पीले और लाल परिधान में सजीं, सिर पर फल और पूजा सामग्री से भरे सूप रखे नजर आईं।
दिल्ली के यमुना घाट, नोएडा, पटना के दीघा और सोन घाट, तथा बनारस के गंगा तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। सुरक्षा और स्वच्छता के विशेष इंतजाम प्रशासन द्वारा किए गए थे। महिलाओं ने बताया कि छठ व्रत सबसे पवित्र और कठिन व्रतों में से एक है, जिसे पूर्ण शुद्धता और निष्ठा के साथ किया जाता है। चार दिन तक चलने वाले इस व्रत में व्रती बिना नमक का भोजन करती हैं और 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं।
पटना में उमड़ी सबसे बड़ी भीड़
बिहार की राजधानी पटना में आज मंगलवार सुबह घाटों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। गंगा किनारे दीघा, कुर्जी और निती घाटों पर लोगों ने उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने आवास पर ही छठ पूजा की और ‘उषा अर्घ्य’ देकर भगवान सूर्य से बिहार की खुशहाली की कामना की।
दिल्ली और एनसीआर में भी छठ का उल्लास
दिल्ली के कालिंदी कुंज, मयूर विहार, और द्वारका घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। एनसीआर के गाजियाबाद और नोएडा में प्रशासन ने विशेष तौर पर घाटों की सफाई और प्रकाश व्यवस्था की थी।
भक्ति और पर्यावरण का संगम
इस बार भी कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने प्लास्टिक-मुक्त पूजा का संकल्प लिया। घाटों को फूलों और दीयों से सजाया गया। महिलाओं ने कहा कि सूर्यदेव के दर्शन के साथ व्रत संपन्न होने से मन को अद्भुत शांति और संतोष मिलता है। सूर्यदेव के दर्शन के साथ जब अंतिम अर्घ्य पूरा हुआ, तो घाटों पर “जय छठी मैया” और “सूर्य भगवान की जय” के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा और इसी के साथ लोक आस्था का यह पवित्र पर्व संपन्न हो गया।














