राम भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी, अयोध्या में पूरा हुआ राम मंदिर का निर्माण कार्य; जानें ट्रस्ट ने क्या कहा?

अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अब पूरी तरह से संपन्न हो चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से इसकी औपचारिक जानकारी दी है।

सदियों तक चले विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय से राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। इसके बाद से ही अयोध्या में मंदिर निर्माण कार्य तेजी से जारी था, जिसकी देखरेख श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा था। अब ट्रस्ट ने घोषणा की है कि मंदिर से जुड़ा हर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

मुख्य मंदिर से लेकर परकोटा के मंदिर तक कार्य संपन्न

ट्रस्ट ने बताया कि मुख्य श्रीराम मंदिर के साथ-साथ परकोटा के छह मंदिरों—भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिरों का भी निर्माण पूर्ण हो चुका है। इन सभी मंदिरों पर ध्वजदंड और कलश स्थापित किए जा चुके हैं।

सप्त मंडप और संत तुलसीदास मंदिर का भी निर्माण पूर्ण

ट्रस्ट के अनुसार, सप्त मंडप — महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, शबरी और ऋषि पत्नी अहल्या मंदिरों का भी निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इसके साथ ही संत तुलसीदास मंदिर भी पूर्ण रूप से तैयार हो चुका है। वहीं परिसर में जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएं भी स्थापित कर दी गई हैं।

दर्शनार्थियों की सुविधा से जुड़े सभी कार्य पूरे

ट्रस्ट ने बताया कि दर्शनार्थियों की सुविधा और मंदिर परिसर की व्यवस्था से संबंधित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वर्तमान में केवल वे कार्य जारी हैं जिनका संबंध आम जनता से नहीं है — जैसे 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी, ट्रस्ट कार्यालय, अतिथि गृह और सभागार का निर्माण।

फ्लोरिंग और लैंडस्केपिंग का कार्य जारी

ट्रस्ट के अनुसार, L&T कंपनी द्वारा मानचित्र के अनुसार सड़कों और फ्लोरिंग पर पत्थर बिछाने का काम किया जा रहा है। वहीं GMR समूह द्वारा भूमि सौंदर्यीकरण, हरियाली और 10 एकड़ में पंचवटी निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है।

ट्रस्ट ने सभी रामभक्तों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है और कहा है कि यह क्षण देश और विश्व भर में फैले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और गौरव का प्रतीक है।

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