
Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा पुनः बहाल न होने की स्थिति में अपने पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि उनका पद सीधे तौर पर राज्य के विशेष दर्जे से जुड़ा है, और यदि इसे निर्धारित समय में नहीं बहाल किया गया, तो वे अपने पद से हट जाएंगे। इस बयान को केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब नगरोटा और बड़गाम सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है। पार्टी के अंदर और बाहर बढ़ते दबाव के बीच, उमर ने स्पष्ट किया कि उनका पद राज्य की गरिमामय स्थिति से संबंधित है।
इस मुद्दे पर नेकां सांसद आगा रुहुल्ला मेहदी ने भी मुख्यमंत्री पर वादों से पीछे हटने का आरोप लगाया, और कहा कि जनता ने उन्हें केंद्र सरकार के साथ संबंध बनाने के लिए नहीं, बल्कि 2019 से पहले की स्थिति फिर से बहाल करने के समर्थन में वोट दिया है। वहीं, कांग्रेस भी इस मसले पर आंदोलन कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा जताया है कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा पुनः दिया जाएगा।
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र पर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास करते हुए कहा कि यदि सरकार समय पर राज्य का दर्जा नहीं लौटाती है, तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इस बयान के बाद राजनेतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के मामलों के जानकार एमाद ने सवाल उठाया है कि 31 वर्षों के नेकां शासन के दौरान आम जनता के जीवन में क्या बदलाव आया, जबकि पार्टी अपनी विफलताओं का ठीकरा केंद्र पर ही फोड़ती रही।
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