
मस्कट। भारत की सीनियर पुरुष रग्बी सेवन्स टीम ने मस्कट में आयोजित एशिया रग्बी एमिरेट्स सेवन्स ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए रविवार रात रजत पदक हासिल किया। इस उपलब्धि के साथ भारत ने एशिया रग्बी एमिरेट्स सेवन्स सीरीज एशिया की शीर्ष स्तरीय रग्बी सेवन्स प्रतियोगिता में पदोन्नति प्राप्त कर ली है।
पूर्व इंग्लैंड स्टार बेन गॉलिंग्स के कोचिंग में भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अनुशासन, कौशल और दृढ़ता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। भारत ने अपने अभियान की शुरुआत लेबनान पर 14-10 की रोमांचक वापसी जीत से की, जिसके बाद अफगानिस्तान को 26-5 से हराते हुए ग्रुप चरण का समापन किया।
नॉकआउट चरण में भी टीम का दबदबा जारी रहा। भारत ने क्वार्टर फाइनल में ईरान को 21-7 से हराया और फिर सेमीफाइनल में सऊदी अरब को 17-0 से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।
फाइनल मुकाबले में भारत ने शीर्ष वरीयता प्राप्त कज़ाख़स्तान के खिलाफ शानदार जुझारूपन दिखाया, लेकिन अंततः 0-27 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, पूरे अभियान ने भारतीय टीम की निरंतरता, दबाव में परिपक्वता और रग्बी इंडिया के विकास कार्यक्रमों के ठोस परिणामों को उजागर किया।
मुख्य कोच बेन गॉलिंग्स ने कहा, “मैं इस टीम पर बेहद गर्व महसूस करता हूं। बहुत कम समय में खिलाड़ियों ने अद्भुत समर्पण, फोकस और टीमवर्क दिखाया है। यह उपलब्धि भारतीय रग्बी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। फाइनल हमारा नहीं था, लेकिन इस अनुभव ने भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखी है।”
भारतीय रग्बी फुटबॉल यूनियन के अध्यक्ष राहुल बोस ने कहा, “यह टूर्नामेंट भारतीय पुरुष रग्बी की निरंतर प्रगति और आत्मविश्वास का प्रमाण है। टीम ने हर मैच में दिल, अनुशासन और कौशल से खेला। फाइनल में हार के बावजूद इस सफर ने हमारी विकास यात्रा को नई दिशा दी है। मैं खिलाड़ियों, कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट टीम को बधाई देता हूं। साथ ही कज़ाख़स्तान को उनकी योग्य जीत के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
इस सफलता का श्रेय देश में हाल ही में शुरू हुई जीएमआर रग्बी प्रीमियर लीग को भी जाता है, जिसने खिलाड़ियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सितारों के साथ खेलने का अनुभव दिया, जिससे उनके खेल और मानसिक मजबूती में सुधार हुआ।
भारत का यह उपविजेता प्रदर्शन अब उसे हांगकांग चीन, जापान, श्रीलंका और चीन जैसी एशिया की शीर्ष टीमों की कतार में खड़ा करता है। पुरुष और महिला – दोनों भारतीय टीमें अब एशिया रग्बी के प्रीमियर डिवीजनों में शामिल हो चुकी हैं, जिससे मस्कट टूर्नामेंट भारतीय रग्बी के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन गया है।















