
शिमला। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दावा किया है कि राज्य को केंद्र सरकार से अब तक 4500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है। रविवार को शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के पाहल में आयोजित जनसभा में उन्होंने बताया कि यह सहायता लोक निर्माण और शहरी विकास विभाग को दी गई है।
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को हरसंभव सहयोग दिया है। नवंबर माह में 1500 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिलने की संभावना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क मजबूत होगा और लाखों लोगों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के 100 स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू करने की प्रक्रिया जारी है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
सड़कों की टारिंग की गुणवत्ता की जांच
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल में सड़कों की टारिंग की गुणवत्ता की सख्त जांच की जाएगी। ठियोग में टारिंग उखड़ने की शिकायत के बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए लोक निर्माण विभाग का क्वालिटी कंट्रोल विंग निरीक्षण करेगा और रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
गुणवत्ता में लापरवाही पाए जाने पर ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी और साइट पर तैनात इंजीनियरों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। मंत्री ने कहा कि मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं से मंडी, चंबा, शिमला, कांगड़ा, ऊना, सिरमौर और कुल्लू जिलों की कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिन्हें अब दुरुस्त किया जा रहा है।
सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कुछ स्थानों पर टारिंग कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा, जिससे सड़कें जल्दी उखड़ रही हैं। इस पर मंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि सड़क निर्माण में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वर्तमान में मौसम सड़क निर्माण और टारिंग कार्यों के लिए अनुकूल है। सरकार ने 500 किलोमीटर सड़कों की टारिंग और पैचवर्क पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, ताकि राज्य का सड़क ढांचा बेहतर हो सके।
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