
प्रयागराज। यमुनानगर के शंकरगढ़ कस्बे का बाजार इन दिनों अव्यवस्था और अतिक्रमण की चपेट में है। नगर में शनिवार को बाजार बंदी का दिन तय है, लेकिन वर्षों से यह परंपरा केवल नाम की रह गई है। निर्धारित बंदी के बावजूद बाजार खुला रहता है, जिससे न तो व्यापारी वर्ग को आराम का अवसर मिल पाता है और न ही व्यवस्था को सुधारने का। नगर का सदर बाजार, पुरानी बाजार और लाइनपार इलाकों में तो हालात और भी बदतर हैं। इन इलाकों में दिनभर भीषण जाम लगा रहता है। सड़कें अवैध अतिक्रमण से पटी पड़ी हैं। पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो नगर पंचायत कोई स्थायी व्यवस्था कर पाई है और न ही पुलिस प्रशासन की ओर से नियमित कार्रवाई होती है। अधिकारियों की उदासीनता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। श्रम विभाग भी मौन साधे हुए है, जबकि बाजार बंदी का मकसद छोटे व्यापारियों और श्रमिकों को साप्ताहिक विश्राम देना था। अब यह व्यवस्था केवल कागजों पर सिमट कर रह गई है।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द सख्ती नहीं दिखाई, तो अराजकता और अव्यवस्था और बढ़ेगी। बाजारों में यातायात व्यवस्था सुधारने और अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाने की मांग जोर पकड़ रही है। अब देखना यह है कि जिम्मेदार विभाग कब जागते हैं और कब शंकरगढ़ का बाजार अपने पुराने अनुशासित स्वरूप में लौटता है।
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