Siddharthnagar : युवक को बेरहमी से पीटने पर SHO सहित चार पुलिस कर्मी निलम्बित

Siddharthnagar : प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस पर युवक को उठाकर बेरहमी से पीटने का आरोप लगा है। मामला सामने आते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। डीआईजी बस्ती रेंज ने कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

मामला सिद्धार्थनगर जिले के मोहाना थाना क्षेत्र का है। 22 अक्टूबर की रात प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद के बाद पुलिस ने रजनीश पटेल नाम के युवक को उठाया। आरोप है कि चार सिपाहियों ने उसे बाइक पर बैठाकर कहीं ले जाकर बेरहमी से पीटा और सड़क किनारे फेंक दिया। रजनीश की हालत गंभीर होने पर उसे बर्डपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर रेफर किया गया। बाद में हालत बिगड़ती देख गोरखपुर मेडिकल कॉलेज और फिर लखनऊ भेजा गया, जहां उसका इलाज जारी है।

पीड़ित परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान मामूली कहासुनी के बाद पुलिस ने रजनीश को उठा लिया और जानलेवा पिटाई की। मामले की जानकारी जैसे-तैसे अधिकारियों तक पहुंची तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। डीआईजी बस्ती रेंज संजीव त्यागी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए देर रात सिद्धार्थनगर पहुंचकर जांच की। प्रारंभिक रिपोर्ट में लापरवाही सामने आने पर मोहाना थाना प्रभारी रोहित कुमार उपाध्याय और चार सिपाहियों—राजन सिंह, मनोज यादव, अभिषेक गुप्ता और मंजीत सिंह—को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

डीआईजी ने साफ कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उनके अनुसार—
“पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए है, अत्याचार के लिए नहीं। मामले में एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” एसपी डॉ. अभिषेक महाजन ने इस मामले की जांच सीओ सदर विश्वजीत सौरयान को सौंपी है और तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। उधर, घटना के बाद जिले में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन पुलिस अत्याचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

फिलहाल सिद्धार्थनगर की यह घटना सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाती, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या सच सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।

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