
- एड़ूलीडर्स द्वारा प्रदेश के कुल 164 उत्कृष्ट शिक्षको को किया गया सम्मानित
- प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम व पूर्व शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह आईएएस डीएन लाल ने किया सम्मानित
- एड़ूलीडर्स द्वारा नेडा प्रशिक्षण केंद्र में विकसित उत्तर प्रदेश – विकसित भारत @2047” विषयक शिक्षक संगोष्ठी एवं एडूलीडर्स सम्मान 2025 कार्यक्रम का हुआ आयोजन
- बस्ती के राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक डॉ सर्वेष्ट मिश्र के नेतृत्व में आयोजित हुआ कार्यक्रम
Basti : बस्ती के राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक डॉ सर्वेष्ट मिश्र के नेतृत्व में एड़ूलीडर्स द्वारा “विकसित उत्तर प्रदेश – विकसित भारत @2047” विषयक शिक्षक संगोष्ठी एवं एडूलीडर्स सम्मान 2025 कार्यक्रम का आयोजन नेडा प्रशिक्षण केंद्र लखनऊ में किया गया। बस्ती जनपद के 03 शिक्षकों के साथ ही उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपद से उत्कृष्ट कार्य कर रहे 164 शिक्षकों को एड़ूलीडर्स अवार्ड 2025 प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डॉ सर्वेष्ट मिश्र द्वारा संपादित शिक्षा के दीप स्तंभ पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव पशुपालन एवं दुग्ध विकास श्री मुकेश मेश्राम ने कहा कि शिक्षक होना बहुत ही पवित्र और चुनौतीपूर्ण कार्य है। शिक्षक पद की गरिमा के अनुकूल शिक्षकों को कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में शिक्षकों का जो सम्मान है वह भारत में पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने अपने शिक्षक जीवन के विभिन्न संस्मरणों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी चर्चा की।उन्होंने एड़ूलीडर्स के कार्यों की सराहना की। सेवानिवृत आईएएस तथा विवेकानंद संस्थान लखनऊ के अध्यक्ष डीएनलाल ने शिक्षकों को उनके दायित्व से अवगत कराते हुए का संस्कारयुक्त शिक्षा पर बल दिया।
संस्कृति विभाग द्वारा संचालित अंतरराष्ट्रीय अयोध्या शोध संस्थान के सलाहकार आशुतोष द्विवेदी ने एड़ूलीडर्स से जुड़े शिक्षकों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि एडलीडर्स द्वारा बच्चों में संस्कारयुक्त शिक्षा देने के लिए अयोध्या शोध संस्थान के सहयोग से सभी 75 जनपदों में रामायण आधारित कार्यशालाओं का आयोजन कर संस्कार युक्त शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया है। इससे पूर्व प्रथम सत्र में पूर्व शिक्षा निदेशक और शिक्षाविद डॉक्टर सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों द्वारा किए जा रहे विभिन्न नवाचारों व प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों पढ़ने लिखने की आदत जिंदा रखना चाहिए और अपने बारे में में भी लिखते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कहानियां बहुत कुछ सीखने का अवसर देती हैं इसलिए शिक्षकों को विभिन्न कहानियों के लेखन पर कार्य करते रहना चाहिए। कार्यक्रम में 55 शिक्षकों की सफलता की कहानियों, उनके नवाचारों तथा गतिविधियों पर केंद्रित डॉ सर्वेष्ट मिश्र के संपादन में प्रकाशित पुस्तक एडूलीडर्स शिक्षा के दीपस्तंभ का विमोचन डॉक्टर सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह और अन्य अतिथियों ने किया। कार्यक्रम में मैं एड़ूलीडर्स के संस्थापक डॉक्टर सर्वेष्ट मिश्र ने प्रतिदिन एड़ूलीडर्स द्वारा तैयार किया जा रही शैक्षिक सामग्री और उन्हें लगभग डेढ़ लाख शिक्षकों तक भेजे जाने की प्रक्रिया तथा प्रतिवर्ष एड़ूलीडर्स सम्मान देने के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने इस अवार्ड हेतु सभी शिक्षकों को बधाई दी।
कार्यक्रम में इससे पूर्व सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। कार्यक्रम में सभी 75 जनपदों से चयनित 164 शिक्षकों को स्मृति चिह्न एवं प्रमाण पत्र देकर उनका सम्मान किया गया। जिसमें बस्ती के राजकीय इंटर कालेज गोठवा के प्रवक्ता शैलेश पटवा, पी एम श्री स्कूल बनकटी के शिक्षक बृजेश गुप्ता और सल्टोवा ब्लॉक के प्रथमिक विद्यालय परसाखाल के शिक्षक विनय पांडेय को प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने प्रमाण पत्र स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम और शिक्षाविद डॉक्टर सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने कार्यक्रम के संयोजन और पुस्तक लेखन हेतु राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक डॉ सर्वेष्ट मिश्र को सम्मानित किया।
कार्यक्रम का प्रबंधन लखनऊ के शिक्षक संतोष कुमार, संचालन श्वेता सोमवंशी तथा रोहित प्रताप सिंह तथा तकनीकी संचालन विनीत पवार ने किया। कार्यक्रम में संतोष कुमार, सुधीर राणा, विनीत पवार, प्रीति मिश्रा श्वेता सोमवंशी, विनय पांडेय , बृजेश गुप्ता, सत्यजीत द्विवेदी, राधेश्याम दीक्षित, मृदुल दीक्षित सहित विभिन्न शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा।










